लोगों की सेवा ही असली धर्म : वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि लोगों की सेवा ही असली धर्म है।

उन्होंने कहा कि धर्म का सार सेवा करना है और मंदिर जाना और जरूरतमंदों की सेवा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने अपने पैतृक जिले नेल्लोर के वेंकटचलम में अपने द्वारा स्थापित स्वर्ण भारत ट्रस्ट के 20वें वार्षिक समारोह में अपने संबोधन में कहा कि मंदिर जाने से पुण्य मिलता है।

लोगों की सेवा करने से अपार संतुष्टि मिलती है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।

नायडू ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों और अन्य नेताओं को आमंत्रित किया था, ताकि वे ट्रस्ट की गतिविधियों को देख सकें और दूसरों को भी इसी तरह के काम करने के लिए प्रेरित कर सकें।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर विभिन्न पदों पर रहने के बावजूद, उन्होंने हमेशा स्वर्ण भारत ट्रस्ट के कार्यक्रमों में भाग लिया।

उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच विभाजन को कम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और कृषि और किसानों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, सरकार ही नहीं, लोगों को भी कृषि पर ध्यान देना चाहिए। हम सभी कृषि और किसानों के कर्जदार हैं।

नायडू ने युवाओं को देश का भविष्य बताते हुए कहा कि उन्हें कौशल प्रशिक्षण देना और स्वरोजगार के लिए ऋण सुरक्षित करने में मदद करना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना अपार खुशी देता है।

यह कहते हुए कि महिलाएं आबादी का 50 प्रतिशत हैं, उन्होंने कहा कि उनके सशक्तीकरण के लिए और अधिक किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं पर अत्याचारों को समाप्त करने और संपत्ति में समान हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया।

नायडू, (जो राज्यसभा के सभापति भी हैं) ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए विधेयक को अपने जीवन में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। साथ ही कहा, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना मेरी जीवन महत्वाकांक्षा और मिशन था।

हम हमेशा मानते हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कोई प्रश्न चिह्न् नहीं होना चाहिए। कश्मीर का एक-एक इंच भारत का है और सभी लोग समान नागरिक हैं। इतने सालों तक लोगों की इच्छा का सम्मान नहीं किया गया, लेकिन नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी के नेतृत्व में बिल पास हो गया।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके घर आए थे और अनुरोध किया था कि विधेयक को पहले राज्यसभा में लिया जाए। उन्होंने कहा, पूरी रात, मैंने और अधिकारियों ने अगले दिन के लिए कार्यक्रम तैयार किया। मेरी पत्नी और बच्चे मेरे स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे।

शाह ने वेंकैया नायडू की प्रशंसा की कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहे, चाहे वे किसी भी पद पर हों और हमेशा एक अनुशासित जीवन जीते रहे।

उन्होंने याद किया कि भाजपा के अध्यक्ष के रूप में नायडू के कार्यकाल के दौरान नायडू हर दिन सुबह 9 बजे पार्टी कार्यालय आते थे। शाह ने उन्हें अपने और हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श बताया।

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