लोकतंत्र बचाने के लिए बैलेट को वापस लाएं : ममता

कोलकाता| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर बाहुबल, धनबल और सत्ताबल का दुरुपयोग कर लोकसभा चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए सोमवार को लोकतंत्र को बचाने के लिए ईवीएम से पहले की व्यवस्था लागू कर मतपत्र (बैलेट) से चुनाव कराए जाने का आह्वान किया।

राज्य सचिवालय में पार्टी के पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों के साथ बैठक करने के बाद उन्होंने कहा, “समूचे चुनाव के दौरान हम बाहुबल, धनबल, सत्ताबल और सांस्थानिक बल के दुरुपयोग के खिलाफ लड़े। हमारे कार्यकर्ता निडर होकर लड़े। हम चर्चा कर रहे हैं कि किस तरह धन लूटा गया और धनबल ने किस तरह लोकतंत्र को बर्बाद किया, यह सच्चाई है।”

ममता ने कहा, “वे (भाजपा) धनबल, बाहुबल, सत्ताबल, सांप्रदायिकता बल और मीडिया बल से 18 सीटें पा गए (बंगाल में)। उनका लक्ष्य 23 सीटें पाना था। शायद ईवीएम उनके हित में प्री-प्रोग्राम्ड थीं।”

उन्होंने कहा, “परिणाम स्वाभाविक नहीं थे और भाजपा की जीत जनसमर्थन पर आधारित नहीं थी। ऐसा कृत्रिम यंत्र-प्रक्रिया के जरिये किया गया, यही वजह है कि वे पार्टी कार्यालयों पर कब्जा करने की काशिशें करते रहे।”

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस की 21 जुलाई को होने वाली वार्षिक शहादत दिवस रैली से पहले समूचे राज्य में जनसंपर्क करेगी, जुलूस निकालेगी।

ममता ने कहा, “21 जुलाई की रैली हमारे ‘पहचानपत्र नहीं, वोट नहीं’ आंदोलन से जन्मी थी। तत्कालीन माकपा सरकार ने इसी दिन हमारे 13 कार्यकर्ताओं को गोलियों से मरवा दिया था।”

उन्होंने कहा, “हम फिर आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं ‘लोकतंत्र बचाओ, बैलेट वापस लाओ’। हम नहीं चाहते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन नहीं चाहते, बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए बैलेट चाहते हैं।”

बैलेट की वापसी के लिए विपक्षी दलों से अपनी आवाज बुलंद करने की अपील करते हुए ममता बनर्जी ने अपने आंदोलन को बंगाल से शुरू कर समूचे भारत में फैलाने का संकल्प लिया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ईवीएम पर आधारित चुनाव के नतीजे को वह जनादेश नहीं मानतीं।

ममता ने कहा, “आप कैसे साबित करेंगे कि ईवीएम में प्री-प्लांड प्रोग्रामिंग नहीं थी? चुनाव आयोग को इसकी निगरानी करनी चहिए थी, लेकिन उसने नहीं किया। आपने मात्र दो फीसदी वोटों की गिनती की अनुमति दे दी और 98 फीसदी वोट जो मशीन में पड़े रह गए, उसका क्या किया?”

उन्होंने कहा, “चुनाव के दिन, मतदान के दौरान कई मशीनें बदली गईं, क्योंकि वे ठीक से काम नहीं कर रहीं थीं। जो नई मशीनें लगाई गईं उसका मॉक पोल नहीं कराया गया। कोई कैसे साबित कर सकता है कि जो वैकल्पिक मशीनें लगाई गईं, वे प्री-प्रोग्राम्ड नहीं थीं?”

भाजपा पर फेक न्यूज (फर्जी खबरें) प्रसारित कर राज्य को हिंसा और गुंडागर्दी की जगह के रूप में पेशकर बंगाल की गरिमा को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही राज्य की संस्कृति की झलक दिखाने के लिए अभियान शुरू करेगी।

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