भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए अपने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची सोमवार को जारी की जिसमें सात मौजूदा सांसद नाम भी हैं. इनमें छह लोकसभा के, जबकि एक राज्यसभा का सदस्य शामिल है. पार्टी ने जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने की घोषणा की है उनमें लोकसभा सांसद नरेंद्र कुमार (मंडावा), दिया कुमारी (विद्याधर नगर), राज्यवर्धन राठौड़ (झोटवाड़ा), भागीरथ चौधरी (किशनगढ़), देवजी पटेल (सांचौर) एवं बालक नाथ (तिजारा) तथा राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा (सवाई माधोपुर) शामिल हैं.
एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चंद्रमोहन मीणा को भी पार्टी ने बस्सी विधानसभा सीट से मौका दिया है. भाजपा के उम्मीदवारों के नाम से यह साफ है कि पार्टी ने यहां मध्यप्रदेश का फॉर्मूला अपनाया है, जहां वह पहले ही पार्टी के सांसदों को मैदान में उतार चुकी है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से नई दिल्ली में राजस्थान के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी गई. प्रदेश की विद्याधर नगर सीट से मौजूदा भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी का नाम इस सूची में शामिल नहीं है.
पार्टी ने गुर्जर आंदोलन के अगुवा रहे किरोड़ी बैंसला के बेटे विजय बैंसला को देवली उनियारा से उम्मीदवार बनाया है. इसी तरह पार्टी ने कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया को लक्ष्मणगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चंद्रमोहन मीणा को बस्सी से उम्मीदवार बनाया गया है. पार्टी की पहली सूची में छह अनुसूचित जाति, दस अनुसूचित जनजाति एवं 25 सामान्य सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किए हैं. राज्य में कुल 200 सीटें हैं.
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटों के लिए 23 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी. आयोग के मुताबिक राजस्थान में चुनाव की अधिसूचना 30 अक्टूबर को जारी होगी और उम्मीदवार छह नवंबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे. सात नवंबर को नामांकन की जांच होगी और नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख नौ नवंबर होगी. राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत होने वाले मतदान में सवा पांच करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
राजस्थान में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच होता है. इस मरूधर प्रदेश में कुछ क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं जो चुनिंदा क्षेत्रों में अपना प्रभाव रखती हैं. राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव (2018) में कुल 200 सीटों में कांग्रेस को 99 व भाजपा को 73 सीटें मिलीं. अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया जो 28 जनवरी को हुआ. इसमें भी कांग्रेस ने बाजी मारी. अशोक गहलोत ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.