राजस्थान का चुनावी रण: सूबे की ये 52 सीटें बनी कांग्रेस के लिए चुनौती, 15 साल से नहीं हो पाई काबिज

राजस्थान में विधानसभा चुनावों की रणभेरी बजने से पहले राजनैतिक पार्टियों ने 200 सीटों पर अपनी-अपनी गणित बिठाने का काम शुरू कर दिया है. राजस्थान में परिसीमन के बाद हुए तीन विधानसभा चुनावों 2008, 2013 और 2018 के नतीजे बताते हैं कि सूबे के 29 जिलों की 52 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस का खाता ही नहीं खुल पाया. यह दीगर बात है कि इन तीन चुनावों में से 2008 और 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस दो बार सत्ता प्राप्त करने में कामयाब रही.

अब राजस्थान में 19 जिलों की बढ़ोतरी के बाद जिले भले ही 50 हो गए हैं लेकिन इस बार का विधानसभा चुनाव पुरानी विधानसभा सीटों और परिसीमन के अनुसार होगा. राजस्थान में पूर्व में 33 जिले थे. उनमें से 52 सीटों पर आज भी कांग्रेस जीत को तरस रही है. इन सीटों के लिए इस बार भी कांग्रेस अलग रणनीति के तहत चुनाव लड़ने के मूड में है. लेकिन इनमें से कितनी सीटों पर कांग्रेस काबिज हो पाएगी यह चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा.
ये सीटें कांग्रेस के लिए बनी है दिवास्वप्न
इन 52 सीटों में अनूपगढ़, भादरा, बीकानेर पू्र्व, श्रीडूंगरगढ़, रतनगढ़, उदयपुरवाटी, शाहपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बस्सी, किशनगढ़बास, बहरोड़, अलवर शहर, नगर, भरतपुर, नदबई, धौलपुर, करौली, महुवा, गंगापुरसिटी, मालपुरा, अजमेर पूर्व और अजमेर दक्षिण की सीटे बीते 15 बरसों से कांग्रेस के लिए दिवास्वप्न बनी हुई हैं.

इन सीटों के लिए चल रहा है संघर्ष
वहीं खींवसर, नागौर, मड़ेता सीटी, जैतारण, सोजत, पाली, मारवाड़ जंक्शन, बाली, भोपालगढ़, सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, रेवदर, सिरोही उदयपुर, घाटोल, कुम्भलगढ़, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, लाडपुरा, कोटा दक्षिण, रामगंज मंड़ी, झालरापाटन और खानपुर वो सीटें हैं जिनके लिए कांग्रेस पिछले तीन चुनाव से संघर्ष कर रही है.

गहलोत ‘राज नहीं रिवाज’ बदलने का प्रयास कर रहे हैं
बहरहाल राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है. वह अपनी इस सत्ता को बनाए रखने के लिए जमकर मेहनत कर रही है. सीएम अशोक गहलोत चुनाव से पहले ताबड़तोड़ घोषणाएं कर ‘राज नहीं रिवाज’ बदलने का प्रयास कर रहे हैं. राजस्थान में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी की सरकार की पंरपंरा रही है. वहीं बीजेपी गहलोत सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सूबे की चारों दिशाओं से राजस्थान में ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा’ का आगाज कर चुकी है. आम आदमी पार्टी भी सूबे में घुसपैठ करने का प्रयास कर रही है.

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