केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में तत्काल कोई संशोधन नहीं करेगी और सरकारी खर्च में कोई कटौती करने की उसकी कोई योजना नहीं है। अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती से निपटने के लिए बीते दिनों कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद सरकार का यह बयान सामने आया है।
मैन्युफैक्चरर्स को बढ़ावा देने, निजी निवेश में नई जान फूंकने तथा बीते साढ़े छह वर्ष के निचले स्तर पर पहुंची आर्थिक विकास दर को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का अप्रत्याशित कदम उठाया था। आर्थिक सुस्ती की वजह से न सिर्फ रोजगारों में भारी कटौती देखी गई है, बल्कि सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर भी उठे हैं।
सरकार के अनुमान के मुताबिक, कॉरपोरेट कर में कटौती से चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार के राजस्व में 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हालांकि कहा है कि सरकार 2020/21 के बजट के आसपास राजकोषीय घाटे की समीक्षा करेगी।
नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर रविवार को सीतारमण ने कहा, ‘हम इस वक्त अर्थव्यवस्था से जुड़े किसी भी लक्ष्य में संशोधन नहीं करने जा रहे हैं। इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल सरकारी खर्च में कटौती करने की कोई योजना नहीं है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि सरकार वित्त वर्ष 2019/20 की दूसरी छमाही के लिए बाजार से अतिरिक्त कर्ज लेने पर फैसला बाद में करेगी।