आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने योगी सरकार के अल्पसंख्यक हज कल्याण मंत्री मोहसिन रजा द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब दिए हैं। बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मोहसिन रजा के बयान के बारे में पूंछे गए सवाल पर पत्रकारों से कहा, “मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत संस्था है। बोर्ड ने अपनी इस बैठक से पहले एजेंडा भी जारी किया और अयोध्या का मामला उच्चतम न्यायालय में लड़ा जा रहा है, किसी एक संगठन या व्यक्ति के सामने नहीं।”
उन्होंने कहा, “सवाल करने वालों को मालूम होना चाहिए कि देश में संविधान और कानून है। उसके बारे में सबको जानकारी होनी चाहिए। जिसे नहीं पता है तो यह उसकी अपनी गलती है।”
फरंगी महली ने रजा का नाम लिए बगैर कहा, “उनको मालूम होना चाहिए कि पर्सनल लॉ बोर्ड में वे लोग शामिल हैं, जिनके पुरखों ने मुल्क की आजादी पर अपना सब कुछ न्यौछावर किया है। बोर्ड ने मुल्क के खिलाफ न तो कभी कोई अपील की है और न ही कोई काम किया है। बोर्ड मुल्क के संविधान के दायरे में रहकर काम कर रहा है।”
ज्ञात हो कि योगी सरकार में राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर इसके पहले सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था, “ऐसे में जब राम मंदिर पर एक बहुत बड़ा फैसला आने वाला है, उसी वक्त एक असंवैधानिक गैर सरकारी संगठन, जो देश के खिलाफ बोलता रहा है, हमेशा आतंकवाद के समर्थन में रहता है, उसकी बैठक क्यों हो रही है।”
उन्होंने कहा, “प्रश्न उठता है कि आखिर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कौन वित्तपोषित करता है, उसे इसका जवाब देना होगा। छह महीने के अंतराल में हैदराबाद के बाद लखनऊ में बोर्ड की बैठक क्यों हो रही है। आखिर इसका कारण क्या है और इसके पीछे शामिल लोगों का क्या एजेंडा है।”