रविवार को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत से पहले मुज़फ़्फ़रनगर का GIC मैदान किसानों से भरने लगा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि इस किसान महापंचायत के जरिए किसान मोर्चा मिशन उत्तर प्रदेश की शुरुआत करेगा। किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के सभी किसान नेता मौजूद रहेंगे।
महापंचायत में देश भर से आ रहे किसानों के लिए जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं।और इसकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए मुजफ्फरनगर में 8000 से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।
मालूम हो कि कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 9 महीने से किसान दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन को धार देने के लिए किसानों की ओर से रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक महापंचायत की जा रही है। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि महापंचायत में एक बड़ा फैसला लिया जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार न कह कर इसे मोदी सरकार कहा जाए तो बेहतर होगा।
इस सरकार ने जो तीन कृषि कानून बनाए हैं, वह किसानों के हक में नहीं हैं। यह कानून पूरी तरह से देश को विदेशी हाथों में सौंपने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान नौ महीनों से दिल्ली के चारों तरफ बैठे हैं, लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि इस सरकार से कानूनों की वापसी की उम्मीद करना तो दूर की बात है, अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए अब किसानों को सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लड़नी होगी। रविवार को होने वाली महापंचायत ऐतिहासिक होगी, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया जाएगा।