यूपी : जौनपुर में इंसानियत शर्मसार!

यूपी के जौनपुर में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. कोरोना का खौफ इस कदर लोगों में बैठा हुआ है कि यहां पर एक बुजुर्ग को ग्रामीणों ने उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार ही नहीं करने (Jaunpur Villagers Not Ready for Cremation) दिया. बुजुर्ग पत्नी के शव को साइकिल पर लेकर घंटों भटकता (Dead Body On Cycle) रहा. किसी ने पड़ोसी धर्म तक नहीं निभाया. महिला की अर्थी को कंथा देने के लिए चार लोग तक बुजुर्ग को नसीब नहीं हुए. न ही कोई भी बुजुर्ग के घर उन्हें ढांढस बंधाने पहुंचा और साथ ही उन्हें अंतिम संस्कार करने तक से रोक दिया गया|

जैसे ही पुलिस को इस मामले की खबर मिली वह तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और बुजुर्ग की मदद करते हुए उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार रामघाट पर करवाया. बताया जा रहा था कि बुजुर्ग तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी.सोमवार को उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई तो वह उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे. खबर के मुताबिक, उन्हें अस्पताल में बेड तक नहीं मिल सका, दवा नहीं मिलने की वजह से उन्होंने बीमारी की हालत में ही दम तोड़ दिया.
जब बुजुर्ग अपनी पत्नी के शव को घर लेकर पहुंचे तो कोई भी पड़ोसी उनके दुख में शामिल होने तक नहीं पहुंचा. इतना ही नहीं बुजुर्ग को पत्नी का अंतिम संस्कार तक गांव में नहीं करने दिया गया. वह घंटों साइकिल पर शव लेकर घूमते रहे. दरअसल गांव वालों को इस बात का शक था कि बुजुर्ग की पत्नी को कोरोना संक्रमण हुआ था. इसी डर की वजह से सबने उनसे दूरी बना ली. जब पुलिस को पूरे मामले की भनक लगी तो उन्होंने आगे आकर बुजुर्ग की मदद की और रामघाट पर उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार करवाया|

बताया जा कहा है कि बुजुर्ग अकेला ही पत्नी के शव को साइकिल पर लाधकर गांव की नदी पर लेकर पहुंचा था, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें अंतिम संस्कार नहीं करने दिया, तब पुलिस ने उनकी मदद की. पुलिस बुजुर्ग को उनकी पत्नी के शव समेत वापस घर लेकर पहुंची और फिर सारा सामन मंगवाकर पूरे रीतिी-रिवाज से उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार रामघाट पर करवाया.

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