यूक्रेन संकट से कच्चे तेल में तेज उफान,सात साल के उच्चतम स्तर पहुंचा

रूस और यूक्रेन के बीच विवाद बढ़ने से तेल आपूर्ति में बाधा की आशंकायें तेज हो गयीं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सात साल के उच्चतम स्तर 98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।

अंतराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट कच्चा तेल मंगलवार को 98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया जबकि इससे पहले इसके दाम 91 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थे।

सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है और साथ ही वह प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक है। तेल बाजार में रूस का दबदबा ही आपूर्ति संकट की आशंका को तेज कर रहा है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के उन इलाकों को स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया है, जो वहां के विद्रोहियों के कब्जे में थे। रूस के आक्रामक तेवर को देखते हुए कई पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।

मैन्यूलाइफ इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट की सू त्रिन ने कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाने से वह कम कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस का निर्यात करेगा जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ेगा।

पश्चिमी देशों को आशंका है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके को इसीलिए स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया है ताकि रूस की सेना उसी रास्ते से आधिकारिक रूप से यूक्रेन में घुस सके।

यूक्रेन के दोनेस्क और लुहांस्क इलाके पर रूस समर्थित विद्रोहियों का कब्जा है और ये दोनों स्वघाषित गणराज्य हैं। ये विद्रोही 2014 से ही यूक्रेन की सेना से लड़ रहे हैं। रूस का नया कदम शांति वार्ता की समाप्ति माना जा रहा है। यूक्रेन संकट का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर भी दिख रहा है।

निवेशक यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की बढ़ती आशंका से चिंतित होकर बिकवाल बन गये हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कोरोना महामारी और उसके कारण लगाये गये प्रतिबंधों के कारण हुए भारी नुकसान से उबर नहीं पायी है। चीन का शंधाई कंपोजिट दोपहर के कारोबार में करीब डेढ़ फीसदी, जापान का निक्के ई दो प्रतिशत से अधिक और सेंसेक्स डेढ़ फीसदी लुढ़क गये।

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