यात्रियों को उड़ान के दौरान मिलेगी इंटरनेट की सुविधा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दी मंजूरी

यूटिलिटी डेस्क. हवाई यात्रा करने वाले लोग जल्द ही यात्रा के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। घरेलू विमानों में उड़ान के दौरान यात्री अब इंटरनेट की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सरकार ने विमान में उड़ान के दौरान वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी कर विमान अधिनियम, 1937 में बदलाव किया है।

इसके अनुसार ‘पायलट इन कमांड उड़ान के दौरान वाई-फाई के माध्यम से यात्रियों को इंटरनेट के इस्तेमाल की अनुमति दे सकता है।’ इस बदलाव के बाद यात्री इंटरनेट के जरिए लैपटॉप, स्मार्टफोन, ई रीडर, स्मार्टवॉच या टैबलेट जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं। पहली बार फ्लाइट में ब्राडबैंड सुविधा गोगो नाम की कंपनी ने दी थी। इसे वर्जिन अमेरिका प्लेन में शुरू किया गया था।

                                                फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का नहीं कर सकते इस्तेमाल
हालांकि एयरक्राफ्ट कानून 1937 के रूल 29बी के तहत यह नियम बनाया गया है कि कोई भी यात्री या पायलट फ्लाइट में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करेगा। अब मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के तहत सब रूल 1 के आधार पर पायलट इन कमांड इस सेवा को उपलब्ध करा सकता है। सिर्फ विमानों के लैंड करने या रन वे में जब तक हो तब तक इसकी सेवा नहीं देने की बात नोटिफिकेशन में कही गयी है।
                                                   विस्तारा एयरलाइंस ने की थी इंटरनेट सेवा देने की घोषणा

विस्तारा देश की पहली एयरलाइंस कंपनी बनने जा रही है, जिसमें उड़ान के दौरान यात्रियों को फेसबुक, वॉट्सएप और लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा मिलेगी। विस्तारा कुछ ही हफ्तों में इन फ्लाइट वाईफाई के जरिए यह सुविधा अपने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर्स विमान में देगी। हालांकि यह सुविधा विस्तारा की घरेलू और एशियाई देशों की उड़ानों में नहीं मिलेगी। विस्तारा टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस की संयुक्त कंपनी है।
                                                            हवाई यात्रा के दौरान दो तरह से मिलती है इंटरनेट सेवा

हवाई जहाज में वाई-फाई की सुविधा दो तरीकों से दी जाती है। पहले तरीके के तहत जमीन पर मौजूद मोबाइल ब्रॉडबैंड टावर प्लेन में लगे एंटीना तक सिग्नल भेजते हैं। प्लेन अपने नज़दीकी टावर से सिग्नल रिसीव करता रहता है। वहीं दूसरे तरीके के तहत अंतरिक्ष में उपस्थित सैटेलाइट के जरिए प्लेन को सिग्नल भेजे जाते हैं। सबसे करीबी सैटेलाइट से प्लेन में लगा एंटीना सिग्नल रिसीव करता है। धरती पर उपस्थित एयरलाइंस ऑफिस तक हवाई जहाजों की जानकारी भी इन्ही सैटेलाइटों के जरिए पहुंचाई जाती है।

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