मोदी ने विश्व नेताओं संग क्रिकेट से लेकर आतंकवाद रोधी सहयोग पर चर्चा की


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर सोमवार को पांच विश्व नेताओं के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग से लेकर क्रिकेट और आतंकवाद रोधी सहयोग के मसलों पर बातचीत की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘विश्व नेताओं के साथ हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का ध्यान किसी विशेष देश के साथ मुद्दों पर न होकर केवल द्विपक्षीय मामलों और सहयोग पर केंद्रित रहा।’

उन्होंने बताया कि अधिकांश नेताओं के साथ आतंकवाद-रोधी मुद्दों पर चर्चा की गई।

कुमार ने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलीह के साथ हुई बैठक में क्रिकेट सहयोग पर चर्चा की गई और मालदीव के क्रिकेटरों को जल्द ही भारत में प्रशिक्षित किए जाने को लेकर बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा मालदीव में एक क्रिकेट स्टेडियम के प्रस्ताव से लेकर मालदीव के विकास में सहयोग करने पर भी चर्चा की गई।

कुमार ने कहा कि मोदी के साथ कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने अपने देश को विकसित करने के लिए भारतीय प्रवासियों द्वारा किए गए कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही मोदी ने आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग करने पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ के लिए इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोन्टे के साथ ही विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने कहा कि इतालवी कंपनियां भारत में निवेश करके कम श्रम लागत का लाभ उठा सकती हैं। इसके अलावा रक्षा सहयोग को लेकर भी बातचीत की गई।

नाइजीरिया के राष्ट्रपति इसौफौ महामदौ ने मोदी से सौर ऊर्जा और कृषि को विकसित करने में सहयोग के लिए कहा।

भारत, नाइजीरिया की राजधानी नियामी में महात्मा गांधी कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए उसे 3.5 करोड़ डॉलर दे रहा है।

इस दौरान दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खात्मे के लिए सहयोग पर भी चर्चा की। कुमार ने कहा कि नामीबिया के राष्ट्रपति हेज गिंगोब ने सूखे की मार से उबरने के लिए मदद मुहैया कराने पर मोदी को धन्यवाद दिया।

इस दौरान यूनिसेफ की प्रमुख हेनरिटा फोर्ड ने भी मोदी से मुलाकात की। मोदी ने उन्हें पोषण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बच्चों के विकास के लिए भारत में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया।

क्लाइमेट एक्शन समिट में भारत ने अपने ईंधन मिश्रण में गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई। भारत की ओर से कहा गया, ‘हमारी अक्षय ऊर्जा क्षमता 2022 तक 175 गीगावाट तक बढ़ जाएगी और हम इसे 450 गीगावाट तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 10 देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इनमें से तुर्की और ईरान भी शामिल रहे जोकि कश्मीर में भारत सरकार की कार्रवाई के आलोचक रहे हैं।

ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के साथ अपनी मुलाकात के बाद, जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘क्षेत्रीय घटनाक्रम पर ²ष्टिकोण का एक बहुत उपयोगी आदान-प्रदान। संपर्क में रहने के लिए सहमत।’

तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कैवुसोग्लू के साथ अपनी मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न आयामों की समीक्षा की गई।’

इस दौरान उन्होंने अन्य कई देशों के विदेश मंत्रियों व नेताओं से मुलाकात कर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।

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