मोदी के यूएनजीए को संबोधित करने तक कश्मीर पर टिप्पणी नहीं : कांग्रेस


कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने तक जम्मू-कश्मीर विषय पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से परहेज करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार की ओर से जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाने का फैसला करने के बाद से ही कांग्रेस ने इसकी कड़ी आलोचना की है।

नवनियुक्त कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस मुद्दे पर कांग्रेस का पक्ष रखा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी खुश है कि मोदी को उनके समकक्ष रहे जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह की तरह अमेरिका में इतना सम्मान मिला है।

उन्होंने कहा, “जब तक कि प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में नहीं बोलते हैं, तब तक हमें कश्मीर पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।”

ट्रंप ने सोमवार को न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करते हुए टिप्पणी की थी कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों चाहें तो वह जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की इस टिप्पणी पर मुखर्जी से प्रतिक्रिया देने को कहा गया तो उन्होंने अपनी यह बात रखी।

मुखर्जी ने कहा, “प्रधानमंत्री यूएनजीए सत्र में भाग ले रहे हैं और कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। हम कश्मीर पर टिप्पणी करना उचित नहीं समझते हैं।”

पिछले महीने राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद से जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रही है।

कांग्रेस पार्टी के साथ ही इसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दो दिन पहले ह्यूस्टन में हुए ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की भी आलोचना की है।

अमेरिका में बसे भारतीय लोगों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी मौजूदगी दर्ज कराई थी।

मुखर्जी ने कहा कि कांग्रेस खुश है कि प्रधानमंत्री को अमेरिका में इतना सम्मान मिला है।

उन्होंने कहा कि नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक के पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी अमेरिका सहित विदेशों में अपार सम्मान मिला था।

कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है कि ऐसे समय प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जब वह विदेश में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हों, क्योंकि उस समय वह पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं, न कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या किसी अन्य दल का।

थरूर ने कहा, “प्रधानमंत्री विदेशों में सम्मान के हकदार हैं क्योंकि वह हमारे राष्ट्र के प्रतिनिधि हैं। लेकिन जब वह भारत में होते हैं, तो हमें उनसे सवाल करने का अधिकार है।”

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