मोदी कश्मीर की जनसांख्यिकीय को बदलने की कोशिश कर रहे : ओवैसी


ऑल इंडिया मजलिस-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जम्मू में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के जरिए भाजपा का मुख्यमंत्री बनाकर कश्मीर की जनसांख्यिकीय को बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को संसद में अपने बहुमत के बल पर रद्द कर सरकार ने भारत के संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल की तरह राजनीतिक ज्ञान नहीं होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जनसंघ के एजेंडे को लागू करने की कोशिश कर रही है।

हैदराबाद के सांसद मंगलवार रात को यहां एआईएमआईएम के मुख्यालय में ईद मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द कर और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करके संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम ने भारत समर्थक कश्मीरियों को भी अलगाववादियों के पाले में पहुंचा दिया है।

ओवैसी ने विशेष दर्जे को खत्म करने को तीसरी ऐतिहासिक भूल करार दिया। उन्होंने कहा कि “पहली भूल 1953 में शेख अब्दुल्ला की गिरफ्तारी थी और दूसरी 1987 के चुनावों में हुई धांधली थी।”

सांसद ने कहा कि वह कश्मीरियों को जानते हैं जो बुद्धिमान हैं और तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। उन्होंने बताया कि 1987 के चुनावों में हुई धांधली के दो साल बाद उन्होंने अपना गुस्सा उतारा। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहने वाले लोग छह-आठ महीने तक ढोल पीटते रहेंगे और लंबे-लंबे दावे करते रहेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह पूरे देश में अमन-चैन के लिए दुआ करते हैं।

कश्मीरियों के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए, हैदराबाद के सांसद ने कहा कि वे सभी चाहते हैं कि वे सशक्त हों और वे 1930 के दशक से इसके लिए लड़ रहे हैं।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को जेल में बदल दिया है, लोगों को उनके घरों से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है, फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

ओवैसी ने कहा कि सरकार समर्थक पत्रकार और चैनल कश्मीर के हालात को सामान्य बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बीबीसी और अन्य मीडिया घरानों ने सरकार को बेनकाब कर दिया है।

उन्होंने कहा, “अगर सरकार कहती है कि स्थिति सामान्य है तो लोगों को बाहर आकर जश्न मनाने दे।”

उन्होंने कहा, “यह एक मजाकिया लोकतंत्र है। सरकार ने 300 टेलीफोन बूथ स्थापित किए हैं और लोगों से इन बूथों से रिश्तेदारों को फोन करने के लिए कहा है।”

यह कहते हुए कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, उन्होंने कहा कि यह नेहरू और अन्य नेताओं की राजनीतिक बुद्धिमता के कारण था कि राज्य को विशेष दर्जा दिया गया था। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हटाकर और कश्मीर में जनसंघ के एजेंडे को लागू कर मोदी वही कर रहे हैं जो चीन ने तिब्बत में किया था।

उन्होंने भविष्यवाणी की कि मोदी सरकार अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और असम जैसे राज्यों के विशेष प्रावधानों को भी हटा देगी।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। ऑटोमोबाइल उद्योग में संकट और सेक्टर में 10 लाख नौकरियों में कटौती की आशंका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था संकट के कगार पर है, लेकिन सरकार सबकुछ अच्छा दिखाने और गैर-मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही है।

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