मुख्य न्यायाधीश ललित ने न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ को उत्तराधिकारी नामित किया

नई दिल्ली| भारत के मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया। केंद्र से उनके नाम को मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ 50वें सीजेआई बन जाएंगे। चीफ जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों की मौजूदगी में जस्टिस चंद्रचूड़ को अनुशंसापत्र सौंपा। वह 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त होंगे।

जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वाई.वी. चंद्रचूड़ के बेटे हैं, जो 1978 से 1985 के बीच लगभग सात साल और चार महीने पद पर रहे थे। वह सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सीजेआई थे। उनके कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने अपने पिता के दो फैसलों को पलट दिया था, जो व्यभिचार और निजता के अधिकार से संबंधित थे।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और उन्हें गैर-अनुरूपतावादी न्यायाधीश के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कोविड के समय में वर्चुअल सुनवाई शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अब एक स्थायी विशेषता बन गई है।

वह अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद, समलैंगिकता के अपराधीकरण्,व्यभिचार, निजता, सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश आदि पर ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा रहे हैं।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 29 सितंबर को कहा था कि सभी महिलाएं – अविवाहित सहित – सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं और वैवाहिक दुष्कर्म को भी दुष्कर्म समझा जाना चाहिए, केवल चिकित्सा के प्रयोजनों के लिए टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम और उसके तहत बनाया गया कोई भी नियम और कानून लागू होगा। पीठ ने कहा था कि विवाहित महिलाएं भी यौन उत्पीड़न या दुष्कर्म की पीड़िताओं की श्रेणी में आ सकती हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की है। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए पास किया और कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1998 से 2000 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया। उन्हें पहली बार 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

उन्होंने 31 अक्टूबर, 2013 से 13 मई, 2016 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है।

जस्टिस चंद्रचूड़ मुंबई विश्वविद्यालय और ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, यूएस में तुलनात्मक संवैधानिक कानून के विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं। जून 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।

मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के तहत केंद्र निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश से सेवानिवृत्ति के एक महीने पहले उत्तराधिकारी का नाम बताने को कहता है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने 7 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश ललित को अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफारिश करने के लिए एक पत्र भेजा था।

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