महाराष्ट्र: सिर पर चुनाव, फिर भी नहीं थम रही कांग्रेस-NCP की तकरार


एनसीपी, कांग्रेस की दोस्त है या दुश्मन? ये सवाल फिलहाल महाराष्ट्र की राजनीति में पूछा जाने लगा है. वजह है सीटों का बंटवारा. कांग्रेस अपने सीनियर नेता हर्षवर्धन पाटिल के लिए पिछले कई महीनों से इंदापुर विधानसभा सीट मांग रही है लेकिन एनसीपी अपनी ये सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.

एनसीपी नेता अजित पवार के करीबी दत्ता भरणे ने 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हर्षवर्धन पाटिल को 14000 से भी ज्यादा वोटों से हराया था. इसलिए जीती हुई सीटों पर एनसीपी अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है.

बता दें, इंदापुर विधानसभा बारामती लोकसभा के अंदर आती है जहां से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद है. जानकारी के मुताबिक, लोकसभा में शरद पवार के कहने के बाद कांग्रेस के हर्षवर्धन पाटिल ने उन्हें मदद की थी, जो सुप्रिया की जीत में निर्णायक साबित हुई.

एनसीपी और अजित पवार के रुख को देखते हुए हर्षवर्धन पाटिल ने साफ कर दिया है कि अगर इंदापुर सीट का फैसला कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने जल्द नहीं सुलझाया तो 10 सितंबर को वे अपना फैसला सार्वजनिक कर सकते है.

जानकारी के मुताबिक, सीएम फडणवीस हर्षवर्धन को बीजेपी की टिकट से इंदापुर से अपना उम्मीदवार बना सकते हैं. बीजेपी का गणित है कि इलाके में बीजेपी के अपने वोट हैं और अगर हर्षवर्धन जैसा नेता उनके पाले में आता है तो शरद पवार के प्रभाव वाले इलाके की इस मजबूत सीट को बीजेपी जीत सकती है.

NCP के अड़ियल रवैये के कारण कांग्रेस छोड़ रहे हैं नेता

लोकसभा चुनाव के वक्त अहमदनगर लोकसभा सीट जो गठबंधन में एनसीपी के पास थी. ये सीट राधाकृष्ण विखे पाटिल अपने बेटे सुजय विखे के लिए चाहते थे. बैठकों के कई दौर के बाद, यहां तक कि राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के बाद भी शरद पवार ने अहमदनगर सीट छोड़ने से मना कर दिया. नतीजा ये हुआ कि राधाकृष्ण विखे पाटिल, जो कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक थे उन्हें कांग्रेस का साथ छोड़ना पड़ा.

हालांकि, शरद पवार जिस अहमदनगर सीट को लेकर इतने अड़े हुए थे, वहां से बीजेपी की टिकट पर सुजय विखे ने ही जीत हासिल की थी. ऐसे में सवाल यही उठ रहा है की कांग्रेस -एनसीपी अगर गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं तो एक दो सीटों पर स्थानीय समीकरणों को समझकर तकरार को सुलझाना होगा. नहीं तो इसका नुकसान विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को उठाना पड़ेगा.

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