महाराष्ट्र की अगली बड़ी चुनौती होगी विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव


महाराष्ट्र में मौजूदा स्थिति को देखकर राजनीति और कानून के जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के सामने अगली बड़ी चुनौती महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दौरान खड़ी होगी। एनसीपी ने रविवार को विधायक दल के नेता के पद से अजित पवार को हटा दिया था। उनकी जगह विधायक दल के नेता की कमान राज्य एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल को सौंपी गई है। बता दें कि अजित पवार ने एनसीपी से अलग एक नया धड़ा बनाकर बीजेपी को समर्थन दे दिया और सरकार का गठन डेप्युटी सीएम की कुर्सी हासिल कर ली है।

एक संवैधानिक कानून जानकार ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त के साथ कहा, ‘एनसीपी ने विधिवत रूप से राज्यपाल कार्यालय को सूचित किया है, जहां इसे रेकॉर्ड में लिया गया है क्योंकि अभी कोई विधायिका नहीं है। प्रभावी रूप से अजीत पवार एनसीपी के विधायक दल के नेता नहीं है और इस वजह से उनकी किसी भी कार्रवाई का अब कोई परिणाम नहीं होगा।’ प्रोटेम स्पीकर, आम तौर पर सबसे वरिष्ठ चुना हुआ विधायक होता है। उसे राज्यपाल बी.एस.कोश्यारी द्वारा नियुक्त किया जाना है और शपथ दिलाई जानी है। प्रोटेम स्पीकर, खुद को छोड़कर सभी 287 विधायकों को शपथ दिलाएंगे।

‘…तो अपने आप गिर जाएगी सरकार’
विशेषज्ञ ने कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी के लिए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, विधानसभा के पटल पर पहले राजनीतिक व संवैधानिक परीक्षण के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। इस मामले में बीजेपी व अजीत पवार एनसीपी विधायकों के समर्थन का दावा करेंगे और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा वरना सरकार अपने आप गिर जाएगी।’ ऐसा हुआ तो इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा विश्वास मत पेश करना महज औपचारिकता रह जाएगा।

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