महामारी के दौरान काम करने वाले शिक्षकों को मिलेगा पुरस्कार : सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस साल महामारी के दौरान शिक्षकों का प्रदर्शन दिल्ली में 5 सितंबर को दिए जाने वाले शिक्षकों के पुरस्कार के लिए अकादमिक उत्कृष्टता के अलावा एक प्रमुख मानदंड होगा।

उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान शिक्षकों ने कोविड ड्यूटी से लेकर टीके लगाने और राशन वितरण तक का असाधारण कार्य किया है।

सिसोदिया ने कहा कि शिक्षक ऑनलाइन शिक्षण तंत्र से परिचित नहीं थे, लेकिन उन्होंने ऑनलाइन शिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाया है। शिक्षकों ने साबित कर दिया है कि उन्हें हमेशा भगवान से आगे क्यों रखा जाता है।

उन्होंने कहा, इस साल शिक्षकों का पुरस्कार अलग होगा, क्योंकि यह कोविड के दौरान भी शिक्षकों के प्रदर्शन को मापेगा।

इस वर्ष के पुरस्कार कुल 122 शिक्षकों को प्रदान किए जाएंगे। इससे पहले इस अवसर पर केवल 103 पुरस्कार प्रदान किए गए थे। वहीं दूसरी ओर शिक्षक पुरस्कार के लिए एक प्रमुख मानदंड शिक्षण में 15 साल का अनुभव होना था। हालांकि इस साल इसे केवल तीन साल के अनुभव में बदल दिया गया है, जिसमें अतिथि शिक्षकों के साथ निजी और सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षक शामिल होंगे।
पुरस्कारों के लिए जमा किए गए कुल 1,102 आवेदनों में से 122 को सरकार द्वारा अंतिम रूप दिया गया है।

इस साल दिल्ली सरकार द्वारा एक विशेष पुरस्कार फेस ऑफ डीओई शुरू किया गया है। दो शिक्षकों – राजकुमार और सुमन अरोड़ा को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। राजकुमार एक सितार वादक हैं, जिन्होंने लगातार 32 घंटे 20 मिनट तक सितार बजाने के लिए अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्डस में दर्ज कराया है। दूसरी शिक्षिका सुमन अरोड़ा हैं, जिनके 23 छात्रों ने जेईई मेन्स और 5 ने जेईई एडवांस क्लियर किया है।

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