महामारी की रोकथाम में चीनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति कारगर 

351 साल का इतिहास प्राप्त चीनी पारंपरिक चिकित्सा कारोबार थूंगरेनथांग ने नये कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम में अपनी विशेष भूमिका सिद्ध की है।

11 मार्च को चीन के पेइचिंग, जंगचाऊ और हांगकांग, तथा इटली के रोम, कनाडा के टोरंटो और सिंगापुर आदि के चिकित्सा विशेषज्ञों ने वीडियो के माध्यम से “थूंगरेनथांग ओवरसीज महामारी की रोकथाम विशेषज्ञ टीम” की प्रथम सभा का आयोजन किया। 

सभा में चीन के पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञों ने इटली, कनाडा और सिंगापुर के हमपक्षियों को नये कोरोना वायरस निमोनिया के इलाज के लिए पारंपरिक दवाइयों का सिफारिश किया।

थूंगरेनथांग कंपनी के उप निदेशक ने कहा कि हम 28 देशों और क्षेत्रों में स्थापित हमारे149 मंचों के जरिये विश्व को चीनी पारंपरिक उपचार योजना प्रस्तुत करेंगे। पता चला है कि चीनी पारंपरिक चिकित्सा व्यवस्था के 3200 डॉक्टरों ने हूपेइ प्रांत में महामारी को रोकने वाले अभियान में भाग लिया। हूपेइ प्रांत में महामारी की रोकथाम में चीनी पारंपरिक दवाइयों का प्रयोग दर 91 प्रतिशत रही। तथ्यों से यह साबित है कि नये कोरोना वायरस निमोनिया के इलाज में पारंपरिक दवाइयों और पश्चिमी चिकित्सा दवाइयों का एकीकृत प्रयोग करने का अच्छा प्रभाव निकला है।

 थूंगरेनथांग कंपनी महामारी कार्यों में भाग लेने वाले कर्मचारियों को पारंपरिक दवाइयों से बनी निवारक दवाएं भी प्रदान की हैं जिनका भी उच्च मूल्यांकन किया गया।

थूंगरेनथांग कंपनी ने इटली, कनाडा और सिंगापुर को अलग अलग तौर पर हजारों कॉपी के पारंपरिक दवा प्रदान किये हैं। 

अभी तक चीनी पारंपरिक चिकित्सा और दवाइयों का 183 देशों और क्षेत्रों में प्रचार किया गया है। नये कोरोना वायरस निमोनिया के इलाज में चीनी पारंपरिक चिकित्सा और दवाइयों की श्रेष्ठता भी मान्यता दी गयी है।

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