बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के लिए सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बुधवार को दिल्ली के एक होटल में प्रशांत किशोर की राष्ट्रीय लोेक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और प्रधान महासचिव माधव आनंद से मुलाकात हुई है. इनके बीच बिहार के ताजा राजनीतिक समीकरण पर चर्चा की गई. साथ ही गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और विकाशसील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में प्रशांत किशोर (PK) से मिलेंगे.
प्रशांत किशोर और उपेंद्र कुशवाहा की बुधवार देर रात बंद कमरे में हुई मुलाकात ने बिहार की सियासत में नई बहस छेड़ दी है. सवाल ये कि क्या प्रशांत किशोर महागठबंधन के लिए स्क्रिप्ट लिख रहे हैं. सवाल ये भी उठ रहा है कि आज (गुरुवार) एक बार फिर जीतन राम मांझी से होने वाली मुलाकात के मायने क्या हैं?
दरअसल बिहार की सियासत में हर बदलते दिन के साथ राजनीति भी नई करवट ले रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की जीत के बाद मंगलवार को बिहार पहुंचने पर प्रशांत किशोर ने एलान किया था कि वो किसी भी दल के साथ फिलहाल नहीं जुड़ेंगे. लेकिन बुधवार की रात दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा के साथ बंद कमरे में हुई मुलाकात के बाद अगले दिन (गुरुवार) को कुशवाहा, मांझी और सहनी की पीके से होने वाली मुलाकात ने सियासत को गर्मा दिया है.
मांझी, कुशवाहा और मुकेश साहनी की होगी PK से मुलाकात
दरअसल उपेंद्र कुशवाहा की प्रशांत किशोर से हुई मुलाकात कई मायनों में सफल बताया जा रहा है. यही वजह है कि गुरुवार को कुशवाहा ने जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी को भी दिल्ली बुलाकर एक बार फिर मुलाकात का समय तय किया है.
कांग्रेस ने मुलाकात का किया स्वागतवहीं कांग्रेस के नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने इस मुलाकात का स्वागत करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर अच्छे रणनीतिकार हैं. पीके को बीजेपी और जेडीयू ने अपमानित कर के निकाला है इसलिए अब वो महागठबंधन के लिए काम करते हैं, तो स्वागत है.
हालांकि आरजेडी ने इस मुलाकात से किनारा करते हुए कहा कि दोनों में क्या बात हुई ये वो ही बता सकते हैं. आरजेडी को किसी इवेंट मैनेजर की जरूरत नहीं. आरजेडी की तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यात्रा और सभा चल रही है.
पीके की शरण में उपेंद्र कुशवाहा
पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा, मांझी और मुकेश साहनी ने बंद कमरे में बैठक कर शरद यादव को लालू यादव से मिलने को राजी किया था. माना जा रहा था कि गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर शरद की लालू से साफ बात होगी, पर शरद के तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता घोषित करने के बाद कुशवाहा अब पीके के सहारे नई रणनीति बना रहे हैं.
बहरहाल अब देखना होगा कि क्या उपेंद्र कुशवाहा इन बैठकों के जरिये तेजस्वी यादव पर प्रेशर बनाने में कामयाब होते हैं या फिर गठबंधन के लिए पीके की नई भूमिका तैयार करते हैं.