भोपाल – मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने पैर पसारने शुरु कर दिए हैं। इस बीमारी की चपेट में कोरोना से मुक्त हुए लोग आ रहे हैं। राज्य सरकार भी इससे चिंतित है और उसने इससे निपटने की तैयारी शुरु कर दी है। वहीं दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी पर नजर बनाए हुए है।
राज्य के कई हिस्सों में ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं, मौतों का सिलसिला भी जारी है। यह वे लोग है जो शुगर के मरीज हैं और कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि जिन कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड केयर की आवश्यकता है, उनकी देखभाल कोविड केयर सेंटर में की जाए। इन सेंटर्स पर डॉक्टर की सलाह अनुसार ऐसे व्यक्तियों को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं स्थापित की जा रही हैं। इस बीमारी के लिए उपयोगी दवा की कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क किया गया है।
मुख्यमंत्री मंत्रि-परिषद की बैठक के उपरांत कोरोना की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि कोविड उपचार योजना में आ रही शिकायतों का त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए। कोरोना मरीजों से संवाद और सकारात्मक वातावरण निर्माण में कोरोना वॉलेंटियर्स की सेवाएं ली जाएं। पोस्ट कोविड केयर में योग से निरोग कार्यक्रम प्रभावी है।