मप्र में नगरीय निकाय चुनाव में दिखने लगा है सियासी समर

मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का रंग चढ़ रहा है, भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के पर्चे भरे जा रहे हैं। भोपाल और ग्वालियर में भाजपा और भोपाल में कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों ही दल के नेता एक दूसरे पर सियासी बाण चलाए जा रहे हैं।

भाजपा ने भोपाल और ग्वालियर के महापौर उम्मीदवारों के नामांकन के दौरान अपनी ताकत को दिखाने की कोशिश की तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने भोपाल उम्मीदवार के पक्ष में एकजुटता दर्शाई।

भोपाल से कांग्रेस की महापौर पद की उम्मीदवार विभा पटेल ने तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी में निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन भरा। इस दौरान पटेल जुलूस के साथ निर्वाचन कार्यालय तक पहुॅची। इस मौके पर अनेक नेता मौजूद रहे।

भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार मालती राय का नामांकन भरवाने रैली के साथ पहुंची। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, सहित अन्य नेता मौजूद रहे। इसी तरह ग्वालियर में नामांकन के समय उम्मीदवार सुमन शर्मा के साथ मुख्यमंत्री चौहान, शर्मा के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भाजपा विकास और जनकल्याण के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने भोपाल को कस्बा बना दिया था, भाजपा ने शहर की तस्वीर बदली है। ग्वालियर के विकास को ठीक आकार और दिशा मिले इसके लिए आवश्यक है कि ग्वालियर नगर निगम भाजपा के पास होना चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एकमात्र भारतीय जनता पार्टी है, जिसने गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यकर्ताओं को महापौर का टिकट दिया है। कांग्रेस में कार्यकर्ता का कोई सम्मान नहीं है। विधायक को ही महापौर बनाओ या विधायक के परिवार से महापौर बनाओ। ऐसे में तो एक ही खानदान के पास सब कुछ चला जायेगा। लेकिन भाजपा ने नए मापदंड स्थापित किए हैं और यह तय किया है कि विधायक महापौर का चुनाव नहीं लड़ेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को बंटाढार कहने और भोपाल की कांग्रेस उम्मीदवार पर की गई टिप्पणी पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी को घिसा-पिटा बताने जैसी ओछी टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि काफी जद्दोजहद के बाद तय किये गये भाजपा प्रत्याशियों के नाम, कार्यकतार्ओं का असंतोष और महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, पेट्रोल-डीजल की कीमतें व अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों से भयभीत मुख्यमंत्री ऐसी स्तरहीन टिप्पणियां कर चुनावी माहौल में विष घोलने की शुरूआत कर चुके हैं, जो घोर निंदनीय है।

वहीं ग्वालियर में नामांकन के समय तय संख्या से ज्यादा लोगों की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने कहा, ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी की महापौर प्रत्याशी के नामांकन जमा करते समय आदर्श आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं, जहां नियम कहता है कि उम्मीदवार के साथ तीन से अधिक व्यक्ति नामांकन जमा करने के दौरान नहीं हो सकते हैं।

भाजपा के बड़े-बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री,प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेता कुल जमा 11 लोग नामांकन जमा करते समय स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहे हैं। यह खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन है हम निर्वाचन आयोग से अपील करते हैं भाजपा उम्मीदवार का नामांकन रदद करें एवं आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले तमाम नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन की कार्रवाई की जाए।

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