मप्र में उपचुनावों में उम्मीदवारी को लेकर रस्साकशी तेज

मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में रस्साकशी का दौर जारी है। बैठकें चल रही हैं और चुनाव जिताऊ उम्मीदवार के चयन पर मंथन हो रहा है क्योंकि एक सीट पर एक से ज्यादा दावेदार मौजूद हैं।

राज्य में तीन विधानसभा क्षेत्रों रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट के अलावा खंडवा संसदीय क्षेत्र में मतदान 30 अक्टूबर केा होना है। इस लिहाज से महज 25 दिन ही बचे हैं, मगर दोनों दल सभी उम्मीदवारों के नामों का फैसला नहीं कर पाए हैं। कांग्रेस ने पृथ्वीपुर विधानसभा सीट के लिए नीतेंद्र राठौर का नाम तय करके उम्मीदवारों के चयन के मामले में भाजपा से कुछ आगे निकल गई है मगर अन्य सीटों पर पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है।

कांग्रेस जहां शेष तीन उम्मीदवारों के चयन में लगी है तो वहीं उसे बड़ा झटका खंडवा संसदीय सीट और जोबट विधानसभा क्षेत्र को लेकर लगा है, क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव खंडवा से पार्टी के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे थे और उन्होंने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया है।

इसके अलावा जोबट से पूर्व विधायक सुलोचना रावत अपने बेटे विषाल के साथ भाजपा में शामिल हो गई है। इन दो घटनाक्रमों से पार्टी पशोपेश में फंस गई है कि आखिर अब वो करे तो क्या करें, क्योंकि यादव बीते सात आठ माह से मैदान में सक्रिय थे और हर कोई यही मान रहा था कि कांग्रेस के उम्मीदवार वही होंगे ।

पार्टी के सामने अब समस्या है कि वह किसे खंडवा में उम्मीदवार बनाए, वही जोबट और रैगांव को लेकर भी काफी खींचतान चल रही है, क्योंकि पार्टी यहां दलबदलू पर भी दांव लगाने की तैयारी में है।

एक तरफ जहां कांग्रेस में खींचतान जारी है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा भी उम्मीदवार चयन के मामले में सहज नहीं है क्योंकि उसके सामने एक सीट से एक से ज्यादा नाम आ रहे हैं। खंडवा में तो दो दावेदार पूरी तरह आमने-सामने है।

पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस और नंद कुमार सिंह चैहान के पुत्र हर्ष वर्धन सिंह चौहान आमने सामने हैं और इससे पार्टी के अंदर असंतोष भी है । इतना ही नहीं जोबट में भी कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक सुलोचना रावत व उनके बेटे विशाल रावत को भाजपा की सदस्यता दिलाई जाने से कई नेता नाराजगी तक जता रहे हैं ।

इसी तरह रैगांव और पृथ्वीपुर में पार्टी के सामने बेहतर उम्मीदवार का चयन मुश्किल बना हुआ है।

उम्मीदवार चयन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि भाजपा वंशवाद परिवारवाद से सर्वथा दूर रहकर टिकट का चयन करती है। पार्टी का स्थानीय नेतृत्व प्रदेश का केन्द्रीय नेतृत्व से चर्चा करता है। केन्द्रीय नेतृत्व अंतिम रूप से फाइनल करता है।

वैसे भी नवरात्रि आ रही है। फॉर्म तो नवरात्रि के प्रारंभ होने पर ही भरेंगे । इसलिए भाजपा में सारी प्रक्रिया पूरी हो गई है। नाम घोषित हो जाएंगे।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वालों को लेकर तंज कसते हुए ट्वीट किया, भाजपा अब कॉंग्रेस मय होती जा रही है। मुझे पुराने भाजपा के कर्मठ कार्यकतार्ओं पर दया आती है। अब भाजपा पूरी तरह से टिकाऊ लोगों को छोड़ कर पूरे तरीके से बिकाऊ लोगों पर निर्भर हो चुकी है।

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