मप्र ने कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए कमर कसी

कोरोना महामारी के नए वेरिएंट के प्रकरण देश के कई हिस्सों में सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की सरकार सजग और सतर्क हो गई है। साथ ही अस्पतालों को सुविधा संपन्न बनाए जाने के प्रयास हो रहे हैं, तो वहीं लोगों को भी कोरोना प्रोटोकाल के पालन के प्रति जागरुक किया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर जैसे हालात न बनें इस पर भी सरकार का ध्यान है।

राज्य में बीते कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है तो वहीं अन्य राज्यों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रकरण सामने आए हैं।

कोरोना की तीसरी लहर अपना असर न दिखा पाए इसके लिए सरकारी स्तर पर हर संभव प्रयास हो रहे हैं।

राज्य के बड़े हिस्से के अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं, वहीं कई स्थानों पर यह स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इसमें अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआयएफ) का भी सहयोग मिल रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की पूरी तैयारी की गई है। जहां परस्पर दूरी और मास्क के उपयोग की सावधानियों को सुनिश्चित किया जा रहा है, वहीं वैक्सीनेशन के माध्यम से संपूर्ण आबादी को सुरक्षा चक्र देने का कार्य तत्परता और प्राथमिकता से किया जा रहा है।

प्रदेश में पात्र आबादी में से 93 प्रतिशत को पहला डोज और 70 प्रतिशत को दूसरा डोज लग गया है। इस माह के अंत तक सभी पात्र लोगों को दोनों डोज देने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य में कोरोना का नया वेरिएंट न आ पाए इसके लिए अन्य देशों से आ रहे अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को ट्रेस किया जा रहा है। इन यात्रियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किया जा रहा है। साथ ही आईडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन का पालन करते हुए व्यापक रूप से योजनाबद्ध तरीके से कोरोना नियंत्रण का प्रसार रोकने के प्रयास जारी है।

वहीं राज्य की स्वास्थ्य संस्थाओं में गहन चिकित्सा इकाई, पीआईसीयू, पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिटी स्केन मशीन सहित अन्य चिकित्सा उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सभी चिकित्सा उपकरणों के क्रियाशील रखने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं कई अस्पतालों में आईसीयू, पीआईसीयू, पीएसए ऑक्सीजन प्लांट और सिटी स्केन मशीन सहित अन्य चिकित्सा उपकरण लगाए जाने का क्रम जारी है।

राज्य में जिला कलेक्टर और क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के सदस्यों को अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटीलेटर की उपलब्धता और उनके सुधार के साथ रेमडेसिविर सहित जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।

राज्य सरकार के सामने कोरोना की दूसरी लहर में सामने आई गड़बड़ियां भी हैं। लिहाजा यह जोर है कि अगर फिर संक्रमण फैलता है तो वैसे हालात न बनें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में जिन कठिनाइयों का सामना किया, वैसी स्थिति अब नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य संस्थाओं को जरूरी चिकित्सा सुविधाओं और उपकरणों से लैस किया गया है।

कोरोना की लड़ाई में ऑक्सीजन को बड़ा हथियार माना गया है, राज्य के सभी जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये 205 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गये। इनमें से 180 प्लांट कार्यशील हो चुके हैं।

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