मप्र के 4 विधायकों के बेंगलुरु में होने की चर्चा


मध्य प्रदेश का सियासी ड्रामा गुड़गांव से अब बेंगलुरु शिफ्ट हो गया है। बुधवार दोपहर को 10 में से 6 विधायक भोपाल लौट आए जबकि 4 विधायक अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु के वाइटफील्ड स्थित बंगलों में चारों विधायकों को ठहराया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही फ्लोर टेस्ट में 4 बार बहुमत साबित कर चुकी है और बीजेपी को हरा चुकी है। इस बार भी वे हारेंगे।

3 दिग्विजय, एक सिंधिया कैंप का विधायक
जो 6 विधायक लौट आए हैं, उनमें से 3 कांग्रेस और 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक हैं। इनमें से 3 दिग्विजय के करीबी और बाकी दो विधायक मंत्री न बनाए जाने से नाराज हैं जबकि एक विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया का कैंप है। पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि कमलनाथ सरकार के कुल 14 विधायक नाराज चल रहे हैं, जिन पर बीजेपी की नजर है।

6 लौटे, चार लापता
छह विधायक जो वापस लौट आए उनमें समाजवादी पार्टी के राजेश शुक्ला (बब्लू), बीएसपी के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बीएसपी से निष्काषित रामबाई शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार विधायक कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही है। बुधवार को दिग्विजय ने कहा था कि बीजेपी ने इन चारों विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया है।

वापस आए विधायकों से हुई पूछताछ
दिल्ली से वापस लाए गए सभी 6 विधायकों को एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास ले जाया गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने उनसे मुलाकात की। इससे पहले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री आवास में अन्य कांग्रेस विधायकों से चर्चा करके पूछा कि कहीं उन्हें भी तो खरीदने की कोशिश नहीं हुई। बीजेपी ने कहा कि कमलनाथ सरकार संकट में है अभी 15 और विधायक उनके संपर्क में है।

मंगलवार रात से मध्य प्रदेश में हलचल
बता दें कि दिग्विजय ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर आरोप लगाया कि बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह विधायक रामबाई (बीएसपी से निलंबित) को अपने साथ चार्टर्ड प्लेन से लेकर दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद शाम को बीजेपी उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे तो हलचल और तेज हो गई। नरोत्तम यहां पहले से ही मौजूद थे। विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में ठहराया गया था। इसकी खबर मिलते ही मंत्री पटवारी और जयवर्धन दिल्ली पहुंचे। दिग्विजय भी रात को होटल गए लेकिन उन्हें वहां कोई नहीं मिला। कमलनाथ भी देर रात कर दिल्ली में मौजूद विधायकों से संपर्क साधते रहे।

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