भोपाल – मध्यप्रदेश में कांग्रेस को लगा ‘पलायनवादी’ रोग निरंतर बढ़ता ही जा रहा है, पहले इसी रोग के चलते राज्य की कमलनाथ सरकार गिरी और अब कई क्षेत्रों में पार्टी का जनाधार ही संकट में आने लगा है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस को लगा पलायनवादी रोग निरंतर बढ़ता ही जा रहा है, पहले इसी रोग के चलते राज्य की कमलनाथ सरकार गिरी और अब कई क्षेत्रों में पार्टी का जनाधार ही संकट में आने लगा है।
राज्य में कांग्रेस के लिए बीता कुछ समय अच्छा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि डेढ़ दशक बाद कांग्रेस राज्य की सत्ता में आई थी तो वहीं उसकी सत्ता का जीवनकाल महज 15 माह ही रहा।
पहले पार्टी के 24 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में एक साथ सदस्यता छोड़ी थी और उसके बाद विधायकों का पार्टी छोड़कर जाने का क्रम चला।