तमिलनाडु (Tamil Nadu) के राज्यपाल आरएन रवि (Governor RN Ravi) द्वारा मंत्री सेंथिल बालाजी (Senthil Balaji) को कैबिनेट से बर्खास्त करने और पांच घंटे के भीतर इसे वापस लेने के फैसले ने राज्यपाल बनाम सरकार के बीच एक पूर्ण युद्ध का रूप ले लिया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (MK Stalin) ने अपने सख्त जवाब में राज्यपाल की आलोचना की है. स्टालिन ने लिखा ‘मैं दोहराता हूं कि आपके पास मेरे मंत्रियों को बर्खास्त करने की कोई शक्ति नहीं है.’ हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार CM स्टालिन ने आगे लिखा ‘यह एक निर्वाचित मुख्यमंत्री का एकमात्र विशेषाधिकार है. मेरी सलाह के बिना मेरे मंत्री को बर्खास्त करने वाला आपका असंवैधानिक फैसला कानून की दृष्टि से गैर-कानूनी रूप से शून्य है और इसलिए इसे नजरअंदाज कर दिया गया है.’
कांग्रेस नेता और वकील मनीष तिवारी, जिन्होंने शनिवार को राष्ट्रपति से आरएन रवि को उनकी ‘असंवैधानिक’ कार्रवाई के लिए बर्खास्त करने की मांग की थी, ने कहा कि उन्होंने जो पत्र लिखा था जिसमें बताया गया था कि उन्होंने सेंथिल को बर्खास्त करने के फैसले को क्यों रोक दिया था, वह मंत्री का अवैध बर्खास्तगी से भी ‘अधिक घातक’ था. जैसा कि राज्यपाल ने लिखा है कि वह अटॉर्नी जनरल की राय लेंगे, मनीष तिवारी ने पूछा कि अटॉर्नी जनरल क्यों, एडवोकेट जनरल क्यों नहीं. अटॉर्नी जनरल देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है और एडवोकेट जनरल राज्य का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है. मनीष तिवारी ने कहा ‘COI का अनुच्छेद 165 महाधिवक्ता को अटॉर्नी जनरल के समान संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है. महाधिवक्ता से कानूनी सलाह क्यों नहीं ली गई? राज्यपाल संवैधानिक विघटन का कारण बनते हैं.’ स्टालिन बनाम आरएन रवि: 10 पाॅइंट में जानें क्या हुआ…?
शुक्रवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया. फिर पांच घंटे बाद आदेश पर रोक लगा दी गई.
आरएन रवि ने स्टालिन को लिखे पत्र में कहा ‘माननीय केंद्रीय गृह मंत्री ने मुझे सलाह दी है कि अटॉर्नी जनरल की भी राय लेना समझदारी होगी.’
स्टालिन ने शुक्रवार को राज्य के कानून मंत्री, तमिलनाडु के महाधिवक्ता आर शुनमगसुंधराम के साथ बैठक की.
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा और मुद्दे का कानूनी रूप से सामना किया जाएगा और राज्यपाल ने जल्दबाजी में काम किया और सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने का आदेश देने से पहले मुख्यमंत्री से परामर्श नहीं किया.
यह भी निर्णय लिया गया कि स्टालिन राज्यपाल को एक विस्तृत पत्र लिखेंगे.
पत्र में स्टालिन ने साफ किया कि सरकार ने राज्यपाल के फैसले की अवहेलना की.
तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य बीजेपी सेंथिल बालाजी की बर्खास्तगी पर अपनी टिप्पणी सुरक्षित रखेगी. लेकिन यह स्टालिन को याद दिलाएगा कि एक विपक्षी नेता के रूप में, स्टालिन 2018 में चाहते थे कि राज्यपाल एक मंत्री को बर्खास्त करें.
सरकार ने साफ कर दिया कि सेंथिल बालाजी बिना विभाग के मंत्री बने रहेंगे. मालूम हो कि वह सरकार में ऊर्जा मंत्री थे.
सेंथिल बालाजी को कैश-फॉर-जॉब घोटाले के लिए जून की शुरुआत में ईडी ने गिरफ्तार किया था.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आरएन रवि के कार्यों का समर्थन किया और कहा कि कोई भी कल्पना नहीं कर सकता कि कोई व्यक्ति अपने खिलाफ कुछ आरोप लगने के बाद भी मंत्री बना रहेगा.