रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत 2030-32 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता रखता है, जिसके लिए रक्षा क्षेत्र का योगदान महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग का प्रदर्शन अतीत में अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं रहा है।
रक्षा मंत्री आगे कहा कि इस तरह के आकार और वैश्विक प्रमुखता वाला देश हथियारों के आयात पर भरोसा नहीं कर सकता है। 10 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश और 2.3 मिलियन रोजगार के अवसरों पर हम काम कर रहे हैं।
आपको बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 19 सितंबर को बेंगलुरु स्थित वायुसेना के एयरबेस से सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरेंगे। इस दौरान वायुसेना के बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। कुछ ही दिन पहले भारत में निर्मित सबसे हल्के ल’ड़ाकू विमान तेजस का नौसेना संस्करण का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने आज गोवा में तट पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (नेवी) तेजस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
बता दें कि इस परीक्षण के साथ ही भारत अमेरिका, यूरोप, रूस और चीन जैसे उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है जिनके पास ऐसे विमान के उत्पादन की क्षमता है जो विमान वाहक पोत से संचालित हो सकता है।
भारतीय सेना में तेजस लड़ाकू विमान के आने के साथ ही दूसरे देशों की नींद उड़ा दी थी। तेजस की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे वायुसेना की ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से सभी एडवांस टेक्नॉलजी से लैस किया गया है। इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है। कंपनी के चेयरमैन और एमडी आर माधवन ने कहा, ‘तेजस को एरियल रिफ्यूलिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया था, यह सफल साबित हुआ।’