भारत ने लद्दाख पर चीन की टिप्पणी पर आपत्ति जताई


केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के गठन पर चीन की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भारत ने गुरुवार को अपने आंतरिक मामलों में उससे बयान देने से परहेज करने को कहा, जिस तरह से नई दिल्ली किसी दूसरे देश के आंतरिक मुद्दों पर कोई टिप्पणी नहीं करता। यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि चीन का ‘केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के एक बड़े भाग पर कब्जा जारी है’ और उसने तथाकथित 1963 के चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से अवैध रूप से भारतीय क्षेत्रों का अधिग्रहण किया हुआ है।

उन्होंने तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के परियोजनाओं को लेकर भी भारत की चिंताओं को दोहराया, जो पाकिस्तान द्वारा 1947 से अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्र में बन रहा है।

उन्होंने कहा, “हमने चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को लेकर दिए गए बयान को देखा है। चीन इस मुद्दे पर भारत के सुसंगत और स्पष्ट स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ है।”

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