नई दिल्ली, १७ अगस्त। भारत में कोरिया के राजदूत चांग जे बोक ने बुधवार को दिल्ली के कोरियन सांस्कृतिक केंद्र में ‘सिंथेसिस ऑफ डिफरेंस’उप्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से, कला प्रेमियों को कोरिया और भारत की समृद्ध कलात्मक परंपराओं से अवगत होने तथा दोनों देशों में सूक्ष्म समानताओं एवं अंतरों को समझने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। यह प्रदर्शनी भारत और दक्षिण कोरिया के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में है। कोरिया और भारत अपनी राजनयिक यात्रा में अगले साल अपने ऐतिहासिक 50 साल पूरे कर लेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे उम्मीद है कि कोरिया भी भारत के एक विकसित देश बनने की प्रक्रिया में एक अच्छा भागीदार हो सकता है और भारत की अर्थव्यवस्था, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं के विकास में मदद कर सकता है।”
बुधवार को शुरू हुई प्रदर्शनी 30 सितंबर तक चलेगी। राजदूत चांग जे बोक ने कहा कि कला प्रदर्शनी पेंटिंग, एनीमेशन, वीडियो कला, स्थापना और प्रदर्शन का एक संयोजन है।
“प्रदर्शनी में अपनी उत्कृष्ट कृतियों का प्रदर्शन करने वाले सभी कोरियाई और भारतीय कलाकारों को मेरा हार्दिक धन्यवाद। मैं उन सभी को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस प्रदर्शनी को एक साथ रखने के लिए कड़ी मेहनत की है। इन कोरियाई युवा कलाकारों को जानना मेरे लिए काफी दिलचस्प था,” चांग जे-बोक ने सद्भावना टुडे से बातचीत के दौरान कहा।
इस प्रदर्शनी में चार कोरियाई कलाकारों ली ली नाम, ली जियोंग लोक, हारु के, जिहॉन्ग पार्क और छह भारतीय कलाकारों हरप्रीत सिंह, परिबरतन मोहंती, नेहा जी वर्मा, बीरेंद्र कुमार यादव, बी अजय शर्मा, और ग़ज़ाला परवीन की अनूठी कला प्रदर्शित किया गया।
इस मौके पर नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट के महानिदेशक अद्वैत गडनायक, भारतीय कला मेले की निदेशक जया अशोकन और भारतीय सांस्कृतिक परिषद के कार्यक्रम निदेशक महिंदर सहगल मौजूद थे।
गडनायक ने इस अवसर पर कहा, “ कलाकृति ध्यान की तरह है, समय और स्थान का एक संश्लेषण है, जो परतों में किया गया है और एक बार जब आप इस परत को छीलना शुरू करते हैं तो आपको पता चलता है कि सभी ने कितनी मेहनत की है।”
प्रदर्शनी के क्यूरेटर जियोंग हेन की ने कहा, “ कोरियाई लोगों की बकेट लिस्ट में भारत है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से, मुझे आशा है कि वे भविष्य में भी कोरिया और भारत के बीच कला का अधिक आदान-प्रदान करेंगे।”
यह प्रदर्शनी कोरिया के जियोंग हेन-की और भारत के बी अजय शर्मा ने क्यूरेट किया जिसका उद्देश्य कोरिया और भारत के विभिन्न कलात्मक दृष्टिकोणों को नए मीडिया कला, फोटोग्राफी, पेंटिंग, स्थापना और प्रदर्शन के माध्यम से एकीकृत करना है। इसाके माध्यम से दोनों देशों के मॉर्डन आर्ट के अंतर को संश्लेषण द्वारा एक मंच पर दिखाने की भी कोशिश करना है। प्रदर्शनी का लुफ्त 30 सितम्बर तक उठाया जा सकता है।
-डॉ. शाहिद सिद्दीक़ी
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