भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी शिखर वार्ता चीन मुद्दे पर हुई बात

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज शिखर बैठक हुई. वर्चुअल शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष स्कॉट मॉरिसन से कई अहम मुद्दों पर बात की. बैठक में दोनों ही देश महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे महत्वपूर्ण खनिजों, छात्रों और प्रोफेशनल्स की आवाजाही को बढ़ावा देने में सहमत हुए. इसके साथ ही दोनों ही देशों ने इस पर भी सहमति जताई की जल्द सफल व्यापार सौदे और एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते को अतिम रूप देना चाहिए.

वर्चुअल शिखर सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया ने ऐलान किया कि वह भारत में प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष समेत अलग अलग क्षेत्रो में सहयोग बढ़ाने के लिए 280 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का निवेश करेगा. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह दूसरी शिखर वार्ता थी. इससे पहले क्वाड ग्रुप के दोनों देशों के बीच जून 2020 में पहली शिखर वार्ता हुई थी. इस बैठक के बाद से दोनों देशों के संबंधों में काफी बदलाव आया है. दोनों पक्षों के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है}

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विविध क्षेत्रों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों में काफी प्रगति देखी गयी है। उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक सहयोग समझौते के लिए वार्ता के नतीजे पर पहुंचना आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम होगा|

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भागीदारी मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खनिज, जल प्रबंधन और अक्षय ऊर्जा के अहम क्षेत्रों में तीव्र गति से सहयोग बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर वार्ता का तंत्र स्थापित होने को लेकर मैं खुश हूं.|

भारत-ऑस्ट्रेलिया समिट को लेकर विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा, “यह हमारे दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और यह समझौता हमें ऑस्ट्रेलिया के महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में निवेश करने और इस क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञता प्राप्त करने के अवसर प्रदान करेगा.” उन्होंने कहा कि एक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत को महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच की आवश्यकता है और ऑस्ट्रेलिया इन वस्तुओं का भंडार है|

विदेश सचिव श्रृंगला ने सोमवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन यूक्रेन संकट पर भारत के रुख को समझते हैं तथा मॉरिसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगता है कि यूरोप में हो रहा संघर्ष हिन्द-प्रशांत क्षेत्र से अपना ध्यान भटकाने का कारण नहीं होना चाहिए

मोदी और मॉरिसन के बीच डिजिटल शिखर बैठक के दौरान यूक्रेन में जारी संघर्ष और मानवीय हालात पर भी चर्चा हुई। विदेश सचिव श्रृंगला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि मॉरिसन ने यूक्रेन संकट पर भारत के रुख को समझने की बात कही है.

श्रृंगला ने कहा कि वार्ता के दौरान यूक्रेन के मौजूदा मानवीय हालात और संघर्ष को लेकर भी गंभीर चिंता जतायी गई और दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन में हिंसा को तत्काल रोके जाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, ”दोनों पक्षों का मानना है कि यूरोप में जारी संघर्ष हम लोगों के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र से ध्यान भटकाने का कारण नहीं बनना चाहिए.”
गौरतलब है कि अपने क्वाड साझेदारों (अमेरिका,जापान और ऑस्ट्रेलिया) के उलट भारत ने यूक्रेन में जारी रूसी हमले की निंदा नहीं की है और भारत लगातार कहता रहा है कि इस संकट का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिए किया जाना चाहिए.

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