भाजपा नेता बोस ने कहा, डराकर कानून लागू नहीं किया जा सकता


भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र के. बोस ने पूरी तरह से पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए मुसलमानों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दायरे में लाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी कानून को लोगों को डराकर लागू नहीं किया जा सकता है।

बोस पिछले कुछ समय से अपनी असहमति दर्ज कराते रहे हैं। उन्होंने राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष और भाजपा नेताओं द्वारा अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

बोस ने कहा, जो आंदोलन पूरे भारत में चल रहा है, उसे बहुत आसानी से हल किया जा सकता है, अगर आप स्पष्ट रूप से घोषणा करते हैं कि हर कोई हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सीएए के परिणामस्वरूप नागरिकता प्राप्त करेगा।

बोस को पिछले लोकसभा चुनाव में कोलकाता दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था।

पिछले महीने संसद में पारित सीएए में मुस्लिम बहुल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से उत्पीड़न का शिकार हुए ऐसे अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्धों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान हैं, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आ चुके हैं।

10 जनवरी से लागू होने वाले इस कानून का देशव्यापी विरोध हुआ है और लगभग सभी राज्यों में हजारों की तादाद में छात्र सड़कों पर उतरे हैं। इसके अलावा विपक्ष से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व आम लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।

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