बेमौसम बरसात ने तेलंगाना के धान किसानों की तोड़ी कमर

सूखे की मार झेल चुके किसानों पर बेमौसम बारिश कहर बन कर टूटी। इससे खलिहानों में रखी धान की तैयार फसल को भारी नुकसान पहुंचा। किसानों कमर तोड़ दी है।

नवंबर में चार दिनों की हुई झमाझम बारिश की मार से अभी किसान उबर भी नहीं पाए थे कि अचानक हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों की बची खुची आस भी तोड़ दी। खलिहानों में रखे लाखों रुपये का धान पानी ने बर्बाद कर दिया। देर रात व सुबह सवेरे अचानक गरज और चमक के साथ अचानक आई मूसलाधार बारिश ने किसानों को कुछ करने का मौका तक नहीं दिया।

इस बेमौसम बरसात ने किसानों की खुशी गम में बदल दिया है। अगर बारिश का आगे दो दिनों तक यही हाल रहा तो किसान बिना मारे ही मर जाएंगे।

कटकर खलिहानों में रखी धान की फसल पर पानी से किसानों के चेहरे चिंता की लकीरें साफ झलक रही है। किसान बरसात से बर्बाद हो रहे फसलों को देखकर भगवान और किस्मत दोनों को कोस रहे है। पानी के समय पानी नहीं और धूप के समय धूप नहीं यही नियति बन गयी है। धान के फसलों के लिए मशहूर जिले के ईचाक, बड़कागांव, केरेडारी, दारू, टाटीझरिया, समेत कई प्रखंडों में किसानों ने आयी इस बेमौसम बरसात से अनहोनी की आशंका से सहम गए है।

बारिश रहा जारी तो किसान हो जाएंगे बर्बाद
धान रोपने के समय पानी नहीं, धान रोपने के बाद पानी, धान की बाली निकलने के समय पर पानी की जगह कड़ाके की धूप, किसी तरह धान तैयार होकर पकने लगे तो चार दिनों तक मूसलाधार बारिश। और अब जब किसान किसी तरह धान की फसल कटकर खलिहान लाये तो एक बार फिर बारिश शुरू हो गयी। अगर इसी तरह चलता रहा तो हजारीबाग में अकाल की स्थिति बन जाएगी।

जिले के दारू, बड़कागांव, केरेडारी, ईचाक, टाटीझरिया, कटकमसांडी, पदमा, बरही चौपारण बरकट्ठा समेत सभी प्रखडों में जोरदार बारिश ने किसानों को हिलाकर रख दिया है। मंगलवार दिन में बारिश से धान को बचाने के लिए किसान दिन भर जद्दोजहद करते रहे। कोई प्लास्टिक डाल रहा था तो कोई टै्रक्टर से धान घर में ला रहा है यह नजारा जिला भर में दिखाई दे रहा था। कभी भगवान तो कभी किस्मत को दोष रहे किसान अपने तो अपने जानवरों को लेकर ज्यादा चितिंत हो रहे थे।

बढ़ेगी ठंड, तापमान में आई कमी
बेमौसम बरसात से जिले में ठंड बढ़ने की आशंका बढ़ गयी है। मंगलवार को धूप और छाव कभी बूंदा बूंदी बारिश ने लोगों के जेहन में ठं़ड पैदा कर दी है। लोग मंगलवार को आम दिनों की अपेक्षा लोग धरों में दूबके रहे। आसमान में छाए बादल के हटते ही तापमान में भारी गिरावट आने की उम्मीद है।

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