बीएसएनएल, एमटीएमएनएल विलय को मंत्रिमंडल की मंजूरी


कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके अंतर्गत भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (MTNL) को लेकर चल रही आशंकाओं को साफ करते हुए सरकार ने दोनों कंपनियों के मर्जर का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम की भी घोषणा कर दी गई है।

कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को बंद नहीं किया जा रहा है। साथ ही, इसे बेचने का भी कोई प्लान नहीं है। सरकार इसे प्रतिस्पर्धी बनाना चाहती है। इसीलिए 15000 करोड़ रुपये का सॉवरेन बॉन्‍ड बनाया जाएगा। पहले की सरकारों ने बीएसएनएल के साथ बहुत नाइंसाफी की है।

अगले 4 साल में 38000 करोड़ रुपए को मोनेटाइज करेंगे। साथ ही, बहुत ही आकर्षक वीआरएस पैकेज ला रहे हैं। इस पर रविशंकर प्रसाद का कहना है कि लुभावना वीआरएस पैकेज लेकर आ रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने भी इसकी सराहना की है। यदि किसी कर्मचारी की आयु 53 वर्ष है तो 60 वर्ष तक उसे 125 प्रतिशत वेतन मिलेगा। वीआरएस का मतलब स्वेच्छा से जबरदस्ती नहीं है। अन्य टेलिकॉम कंपनियों का खर्चा मानव संसाधन पर केवल 5 फीसदी है, लेकिन इन दोनों कंपनियों का 70 फीसदी है।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का मर्जर होने में कुछ समय लगेगा। तब तक MTNL BSNL की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी। इससे 2 साल बाद बीएसएनएल को मुनाफे में लाया जा सकेगा। कर्मचारियों की सितंबर माह की सैलरी को लेकर बीएसएनएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पीके पुरवार ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि दिवाली (दिवाली महोत्सव) से पहले कंपनी अपने संसाधनों के जरिये कर्मचारियों को वेतन देगी। इन फर्मों के लिए दीपावली बोनस में 2016 की कीमतों पर 4 जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है जिसमें केंद्रीय बजट से 4,000 करोड़ के भुगतान की आवश्यकता होगी।

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