बिहार में बस भाड़ा बढ़ा, बढ़ सकती हैं बिजली की भी दरें

बिहार के लोग ऐसे ही खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतों से परेशान हैं, उसके ऊपर सरकार ने बसों के सफर को भी महंगा कर दिया।

राज्य में परिवहन विभाग ने बसों के किराए में 67 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। इस बीच, बिजली भी महंगी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के बाद बस के किराए में वृद्धि की गई है। परिवहन विभाग द्वारा बसों के किराए में 67 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।

जिला प्रशासन को सार्वजनिक स्थलों पर बसों का किराया प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं। पिछली बार छह अक्टूबर 2018 को बसों का किराया बढ़ाया गया था।

परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। संबंधित क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार 15 दिनों में बेसिक किराया और प्रति किलोमीटर के अनुसार एक जगह से दूसरी जगह का नया किराया जारी करेंगे।

इधर, नए साल में राज्य के लोगों को बिजली के लिए ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ सकती हैं। बिजली कंपनियों की ओर से बिहार विद्युत विनियामक आयोग को सौंपी गई याचिका में बिजली की दरों में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। आयोग अब इसकी जनसुनवाई के बाद नई दरें तय करेगा जो अगले वर्ष एक अप्रैल से लागू होंगी।

बताया जाता है कि बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि के बाद कंपनी ने सभी श्रेणियों में करीब 10 प्रतिशत बिजली की दर बढ़ाने का अनुरोध किया है। शहरी ओर घरेलू उपभोक्ताओं के स्लैब को तीन की जगह दो करने का भी प्रस्ताव दिया गया है। इसमें शून्य से 100 यूनिट को समाप्त कर 200 यूनिट का पहला स्लैब और 200 यूनिट के अधिक के दूसरा स्लैब तय करने का प्रस्ताव दिया गया है।

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