बिहार के मुजफ्फरपुर जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 118 बच्चों की मौत के बाद पिछले चौबीस घंटों में बिहार के अन्य जिलों से एईएस से दो दर्जन से अधिक मौत के मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पटना, भागलपुर, बांका, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण से बच्चों की मौतों की सूचना है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुजफ्फरपुर के सरकारी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) में अब तक 96 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 16 की मौत निजी केजरीवाल अस्पताल में और दो की मौत पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई है।
हालांकि, मुजफ्फरपुर के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि यहां हालात में सुधार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा भेजी गई विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम बुधवार रात एसकेएमसीएच पहुंची। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में दस अतिरिक्त एंबुलेंस सेवाओं को लगाया गया है। इसके अलावा 16 नोडल अधिकारियों को प्रभावित ब्लॉकों में निजी स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया है।
कई टीवी समाचार रिपोर्टरों के नियमों का उल्लंघन करने व आईसीयू में प्रवेश करने के मद्देनजर एसकेएमसीएच की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आईसीयू में एईएस के मरीजों को रखा गया है।
एसकेएमसीएच के गोपाल शंकर साहनी ने कहा कि कुपोषण और खाली पेट लीची खाने के अलावा लू के प्रकोप के बढ़ने से साल दर साल एईएस का प्रकोप बढ़ा है।