बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नई कार्यकारिणी समिति को लेकर जहां नेता बड़े पदों के लिए गुणा-भाग प्रारंभ कर चुके हैं, वहीं चुनावी वर्ष के कारण पार्टी के रणनीतिकार भी समिति को आकार देने के लिए फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि इस महीने में प्रदेश कार्यकारिणी समिति का गठन तय है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली चुनाव के कारण समिति का गठन नहीं हो सका, लेकिन 15 फरवरी के तुरंत बाद समिति का गठन तय है।
सूत्रों का कहना है कि इस कार्यकारिणी समिति में पार्टी कर्मठ कार्यकर्ताओं को जहां स्थान देने का मन बना चुकी है वहीं वर्तमान समिति से कई की छुट्टी भी तय मानी जा रही है।
सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि पार्टी इस नई समिति में कई चेहरों को विश्राम देगी वहीं कई कर्मठ कार्यकर्ता जो पिछली पंक्ति में खड़े हैं, उन्हें आगे लगाकर उन्हें ‘पुरस्कार’ देने की योजना बनाई गई है।
भाजपा के एक नेता की मानें तो भाजपा झारखंड में चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं पर विश्वास और उन्हें प्रतिष्ठा देने की नीति पर लौटते नजर आ रही है। ऐसे में तय है कि इस समिति में जहां संकल्पित और कर्मठ कार्यकर्ताओं को पुरस्कार देते हुए उंचे पदों पर बैठया जा सकता है, वहीं कुछ लोगों की छुट्टी भी तय है।
सूत्रों का कहना कि पार्टी के थिकटैंक को इसकी शिकायत भी मिली है कि कई नेता पार्टी में ‘गॉड फादरों’ के जरिए समिति में स्थान तो पा लेते हैं परंतु उनका काम खुद का चेहरा चमकाने का ही रहता है, ऐसे में दूसरे कार्यकर्ताओं पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
सूत्रों का दावा है कि पार्टी कार्यकारिणी समिति के गठन के बाद इस साल होने वाले चुनाव की तैयारी में जुट जाएगी। पार्टी को सहयोगी दल जद (यू) से प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के निष्कासित जाने के बाद चुनाव के काफी पहले ही सीट बंटवारे होने की भी उम्मीद बढ़ गई है।
ऐसे में भाजपा के एक नेता की मानें तो पार्टी जल्द से जल्द अध्यक्ष डॉ़ संजय जायसवाल की टीम का गठन कर उसे तत्काल चुनावी मैदान में उतारने को लेकर तैयारी में है।