पटना : शुक्रवार को बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन की ओर से सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया गया, लेकिन वामदलों के एक बड़े धड़े भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (भाकपा) को इस महागठबंधन से दूर ही रखा गया है।
सीटों के बंटवारे के बाद भाकपा ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उसे महागठबंधन में शामिल करने पर दुख है। हालांकि, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उसे महागठबंधन में शामिल करने का वादा किया था।
इस बीच, खबर यह है कि नये राजनीतिक समीकरण के बाद भाकपा अपने बूते बिहार में चुनाव लड़ेगी। ऐसे में, कयास यह भी लगाया जा रहा है कि जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अब अपने बूते बेगूसराय से चुनाव लड़ना होगा, क्योंकि यह सीट राजद ने अपने पास रख लिया है और संभावना है कि इस सीट से माकपा का ही कोई उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा।
भाकपा के महासचिव सुधाकर रेड्डी ने बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में भाकपा को शामिल नहीं करने पर दुख जताते हुए कहा कि इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद से सहमति कायम होने के बावजूद इस पर अमल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
रेड्डी ने शुक्रवार को महागठबंधन में राजद सहित अन्य दलों के बीच सीट बंटवारे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महागठबंधन में वामदलों को शामिल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। भाकपा की बिहार इकाई बदली हुई परिस्थितियों की 24 मार्च को समीक्षा कर भविष्य की रणनीति तय करेगी।
रेड्डी ने कहा कि पिछले साल मुझसे मुलाकात के दौरान लालू प्रसाद ने मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमति जतायी थी। लालू जेल में हैं, इसलिए मुझे नहीं मालूम कि लालू की बात को उनके बेटे के पास किस तरह पेश किया गया।
महागठबंधन में सदस्य दलों के बीच बिहार की 40 सीटों पर हुए बंटवारे के तहत राजद 20, कांग्रेस नौ, आरएलएसपी को पांच और वीआईपी एवं एचएएम को तीन-तीन सीट दी गयी है। भाकपा ने बिहार की बेगूसराय सीट पर जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
रेड्डी ने कहा कि लालू प्रसाद के आश्वासन के आधार पर पार्टी को उम्मीद थी कि इस सीट पर विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का स्वरूप तय होने के बाद अब यह साफ है कि हमें बिहार में अपने बलबूते चुनाव लड़ना होगा। बेशक हम बिहार में चुनाव लड़ेंगे और इस बारे में स्पष्ट रणनीति पर जल्द फैसला किया जायेगा।