पीएमसीएच में छह माह के बच्चे के पेट से डेढ़ किलो का ट्यूमर निकला। सबसे अजीब बात यह रही कि इस ट्यूमर में लगभग साढ़े तीन माह का भ्रूण भी निकला। भ्रूण का माथा, पैरों की उंगलियां एवं शरीर के कई अंग बनने शुरू हो गए थे।
शिशु सर्जरी रोग विभाग के प्रभारी डॉ. अमरेंद्र, डॉ. प्रदीप नंदन व डॉ. देवेंद्र प्रसाद के साथ एनेस्थेटिक डॉ बरकत की टीम ने बच्चे की सर्जरी की। लगभग डेढ़ घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्चे के कुल वजन सवा तीन किलो के लगभग आधे वजन डेढ़ किलो का ट्यूमर निकला। यह ट्यूमर बच्चे की पेट में था। ट्यूमर देख डॉक्टरों व नर्सों की टीम भी हक्के-बक्के रह गए।
बक्सर के दंपती का है बच्चा
बच्चे के माता-पिता बक्सर जिले के अरियांव गांव के निवासी हैं। पिता मो. क्यूमुद्दिन और मां चांदनी ने बताया कि जन्म के बाद से ही बच्चे के पेट में दर्द रहता था। जांच कराने के बाद डॉक्टरों ने ट्यूमर बताया था। कई सरकारी और निजी अस्पतालों में भी इलाज कराया। लेकिन किसी ने इतने छोटे बच्चे की सर्जरी करने की जोखिम नहीं उठाई। इसके बाद पीएमसीएच पहुंचा। यहां पर बुधवार को बच्चे का ऑपरेशन हुआ है। ट्यूमर के बीच में बच्चे का भ्रूण निकला है।
अबतक का दुर्लभ ऑपरेशन : डॉ. अमरेंद्र
डॉ. अमरेंद्र ने बताया कि उन्होंने अपने करियर में हजारों सर्जरी की है। लेकिन यह सर्जरी अबतक की सबसे कठिन और दुर्लभ सर्जरी में से एक थी। बच्चे का कुल वजन का आधा वजन उसके पेट में ट्यूमर के रूप में पल रहा था। उपर से बच्चे की उम्र भी मात्र साढ़े छह माह की थी। कहा कि ट्यूमर के अंदर भ्रूण का पलना पहले भी कई बार हो चुका है। लेकिन एक पुरुष बच्चे में वह भी छह माह का ऐसा केस उनके पास पहली बार आया है। कहा कि मेडिकल साइंस में इसे फ्यटसेसिन फेट कहा जाता है। कहा कि ट्यूमर एक मांस का लोथड़ा है जिसमें सिर, धड़, हाथ-पैर विकसित हो चुका था। कुछ दिन और रहता तो बच्चे की जान जा सकती थी।