बिहार : डॉ. लोहिया के नाम पर महागठबंधन ने दिखाई एकता


बिहार में महागठबंधन में शामिल दलों के ‘मनमुटाव’ के बीच शनिवार को एक बार फिर एक मंच पर जुटकर महागठबंधन में एकता दिखाने की कोशिश की गई। समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में सभी घटक दलों के नेता एक मंच पर दिखे। कार्यक्रम में सभी नेताओं ने अपने संबोधन में भाजपा की अगुवाई वाले राजग गठबंधन की केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की।

बिहार में होने जा रहे उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बनने के बाद महागठबंधन में टूट की चर्चा थी। इस बीच महान समाजवादी नेता लोहिया के बहाने राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता एक मंच पर जुटे।

राजद नेता व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मंच से एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन में कभी वापसी न होने देने की बात कहते हुए उनके लिए ‘चाचा पलटूराम’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “अब पलटने से भी आपको महागठबंधन में जगह नहीं मिलने वाली है चाचा पलटूराम।”

भाजपा के कई नेता चाहते हैं कि राजग का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से हो। जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार 15 साल मुख्यमंत्री रहे, अब उन्हें यह कुर्सी गठबंधन सहयोगी भाजपा को दे देनी चाहिए। कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा का यह प्रस्ताव मंजूर नहीं होने पर जद (यू) फिर महागठबंधन में आ सकता है।

तेजस्वी ने अपने संबोधन में बिहार में लगातार हो रही हत्या और दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर नीतीश सरकार को घेरा और कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल साबित हुई है।

वहीं, रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में जलजमाव को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राजधानी में जलजमाव ने सरकार के विकास के दावे की पोल खोल दी है।

कुशवाहा ने कहा, “सरकार ने अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया, जिस कारण राज्य में चमकी बुखार से सौ से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई।”

कार्यक्रम में हम प्रमुख जीतनराम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी मंच पर साथ दिखे।

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