जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार की शाम नकाबपोश गुंडों द्वारा लाठी-डंडों व लोहे की रॉड से छात्र-छात्राओं व प्राध्यापकों पर किए गए हमले की सोमवार को बिहार में सभी पार्टियों के नेताओं ने कड़े शब्दों में निंदा की और इसे ‘देश के लिए शर्मनाक’ बताया। जेएनयू की घटना की निंदा करते हुए जनता दल (युनाइटेड) ने इस पूरे मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की है। जद (यू) महासचिव क़े सी़ त्यागी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति और शीर्ष प्रशासकों को तत्काल हटाया जाना चाहिए और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से मामले की जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएनयू छात्र संघ के चुने गए प्रतिनिधियों पर जिस तरह से बाहर से आए गुंडों ने हमला किया, उसकी निंदा सभी लोग कर रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी इस घटना की निंदा की है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए, कम है। ऐसी घटनाओं को अगर सख्ती से नहीं रोका गया और अपराधी प्रवृत्ति के वे लोग, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, उन्हें सख्त से सख्त सजा नहीं दिलाई गई तो लोगों का विश्वास सरकार और विश्वविद्यालयों से उठ जाएगा।
राबड़ी ने कहा कि ऐसी घटनाओं से अभिभावकों की चिंता बढ़ेगी। उन्होंने केंद्र सरकार एवं दिल्ली सरकार से घटना की जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दिलाने और भविष्य मे इस तरह की घटना दोबारा नहीं घटे, इसके लिए सख्त प्रबंध करने की मांग की।
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ ऐसी घटना होना निंदनीय है। जेएनयू प्रशासन की प्राथमिकता वहां पढ़नेवाले छात्रों की सुरक्षा है। विश्वविद्यालयों को राजनैतिक अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए।
वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि सभी जानते हैं ये जेएनयू में छात्रों पर हमला किसके इशारे पर हुआ है। फीस कम करने के आंदोलन को लेकर ही ये हमला हुआ है। इसपर सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।