रामनगर- पश्चिमी चंपारण जिला में थाना रामनगर के रतनपुरवा गांव में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 15 साल की बच्ची का शव गन्ने के खेत से बरामद होने के बाद पूरे गांव में खबर आग की तरह फैल गई।
परिवार वालों ने शव की पहचान कर बताया कि पीड़िता शनिवार से ही घर से लापता थी। जिसकी खोज में गांव के लोग हर तरफ ढ़ूढ़ रहे थे। लेकिन किसी को इसका अंदाजा नहीं था।
शव की हालत देखकर मां और दादी रोते-रोते मौके पर ही बेहोश हो गई, जिसे बाद में घर पहुंचाया गया। पीड़िता की दादी ने कहा कि उसकी बेटी की हत्या करने वालों के खिलाफ न्याय के लिए ऊपर तक शिकायत करेंगी। और जरूरत पड़ी तो भीख मांग कर लड़ाई लड़ूंगी।
हालांकि, पुलिस प्रशासन को खबर मिलते ही मौके पर पहुंची औऱ शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। लेकिन, बिहार में ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है।
पीड़िता के परिवार ने इसे गांव में रंजिश का मामला बताया और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें गरीब होने की सजा मिली है। पहले भी एक केस में पैसे नहीं होने की वजह से हमें न्याय नहीं मिला। (पूरी कहानी वीडियों में देखें)
अगर आंकड़ों पर एक नजर डाले तो मालूम होता है कि बिहार में महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़, अपहरण, दहेज के लिए हत्या एवं प्रताड़ना के मामलों में वृद्धि देखी गई है।
साल 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुडे़ कुल 15,784 मामले सामने आए थे। वहीं साल 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले सामने आए।
पिछले साल हर दिन जहां बलात्कार की तीन से ज्यादा घटनाएं हुईं, वहीं अपहरण के 18 से ज्यादा मामले हर रोज दर्ज किए गए. इस वर्ष की पहली छमाही के आंकड़े भी कुछ ऐसे ही हैं।
राज्य के पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुडे़ कुल 15,784 मामले सामने आए थे। इनमें बलात्कार के 1199, अपहरण के 6817, दहेज हत्या के 1081, दहेज प्रताड़ना के 4873 और छेड़खानी के 1814 मामले शामिल हैं।
वहीं साल 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले समाने आए। इनमें बलात्कार के 682, अपहरण के 2390, दहेज हत्या के 575, दहेज प्रताड़ना के 1535, छेड़खानी के 890 और महिला प्रताड़ना के 1611 मामले शामिल हैं।