‘बिहार के सभी जिलों में एक मॉडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे’

पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन की सरकार अब एक्शन में नजर आने लगी है। इस बीच, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि बिहार के सभी जिलों में एक – एक मॉडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे।

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी व मजबूत बनाया जाएगा। उन्होंने लिखा, नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी व मजबूत बनाना हमारी प्राथमिकता है। बिहार के हर जिले में एक मॉडल स्कूल की अविलंब स्थापना होगी। साल भर में मॉडल को व्यापक तौर पर लागू किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि परामर्श व सृजन के हर चरण में बच्चे,अभिभावक और अध्यापक भागीदार रहेंगे। उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव विभागों में खाली पड़े पदों को भी जल्द भरने को लेकर प्रयासरत हैं। उन्होंने चुनाव में नौकरी देने के वादे को पूरा करने को लेकर खाली पदों को भरने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।

इससे पहले बीते दिनों राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में नियमित कक्षा संचालन पर विशेष जोर दिया जाएगा।  बच्चों को हर घंटी पढ़ाया जाए इसको लेकर भी सजगता बरती जाएगी।  शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इससे संबंधित निर्देश भी दिए थे। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से कहा था कि विभाग के स्तर से विशेष कार्य योजना बनाकर उस पर अमल करायी जानी चाहिए।

शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों को हर सप्ताह विद्यालयों में निरीक्षण करने का विशेष निर्देश भी दिया।किसी भी स्थिति में विद्यालयों में कक्षा संचालन में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके लिए जिम्मेवार शिक्षक या विद्यालय प्रधान विभाग की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। शिक्षा मंत्री ने सभी विद्यालयों को समुचित आधारभूत संरचना मुहैया कराने को कहा है। अपना पद भार संभालने के बाद से शिक्षा मंत्री कक्षाओं को नियमित करने पर जोड़ दे रहे हैं।

मालूम हो कि इस तरह के कई मॉडल स्कूल दिल्ली एवं दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाक़े में स्थापित किए जा चुके हैं। इन स्कूलों में बच्चों की आधुनिक पढ़ाई के साथ -साथ अनेकों सामाजिक विषयों से रूबरू भी कराया जाता, जिसमें माता-पिता एवं समाज की पूरी भागीदारी होती है। ऐसे स्कूलों को स्थापित करने, रणनीति बनाने और संचालन करने में ग़ैर सरकारी संस्थाएँ एवं शिक्षण विशेषज्ञ जैसे “एसोसिएशन फ़ॉर कॉम्यूनिटी रिसर्च एंड एक्शन“(एकरा), अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, डी.ई.एफ, एन.इ.डी.इ.एफ एवं एन.इ.ए.डी के अलावा  आईबीएम, कैपजेमिनी,  जैसी कॉर्पोरेट्स की अहम भूमिका रही है।

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