बिहार के युवा पलायन को मजबूर : चिराग पासवान


लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए बिहार के युवाओं को मजबूरन पलायन करना पड़ता है।

‘बिहार फस्र्ट बिहारी फस्र्ट’ यात्रा के क्रम में चिराग यहां शनिवार को पहुंचे। उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर बिहारियों को हीन भावना से देखा जाता है, जिसका उन्हें काफी दुख है। चिराग ने कहा, “एक समय था, जब देश-दुनिया से लोग उच्च शिक्षा के लिए बिहार आते थे। नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों की पूरी दुनिया में पहचान थी। लेकिन आज बिहार का युवा बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने को मजबूर हैं। इस स्थिति को बदलना है।”

चिराग इन दिनों बिहार फस्र्ट बिहारी फस्र्ट यात्रा के क्रम में बिहार के दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान वह राज्य के सभी जिलों में पहुंचकर संपर्क अभियान चला रहे हैं और 14 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में होने वाली लोजपा की बिहार फस्र्ट बिहारी फस्र्ट महारैली के लिए लोगों को आमंत्रित भी कर रहे हैं।

यात्रा के दौरान आयोजित जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ और लोगों के जनसमर्थन से लोजपा कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं। यात्रा के दूसरे चरण में उत्तर बिहार का दौरा कर रहे चिराग इससे पहले समस्तीपुर और दरभंगा पहुंचे थे, जहां लोजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ ने युवा नेता का जोरदार स्वागत किया। यहां उन्होंने कहा कि आजादी के सत्तर साल बाद भी बिहार का उतना विकास नहीं हो पाया है, जितना होना चाहिए।

लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछले 15 वर्षो में बिहार में काफी काम हुआ है। लेकिन अभी और भी काम होना बाकी है, जिससे बिहार विकसित प्रदेश बन सके। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना को मजबूत करना होगा।

उन्होंने कहा, “अगले विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन की जीत पक्की है और फिर से नीतीश जी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार का गठन होगा। नीतीश जी ने 15 वर्षो में बिहार में विकास की मजबूत जमीन तैयार कर दी है। अब इसी प्लेटफॉर्म से विकास की नई उड़ान भरनी है। दूसरे विकसित प्रदेशों की तुलना में बिहार अभी काफी पीछे है।”

बिहार फस्र्ट बिहारी फस्र्ट यात्रा अभियान के बारे में चिराग पासवान ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ता जाएंगे और समाज के सभी वर्ग के लोगों से स्थानीय समस्याओं की जानकारी लेने के साथ ही समाधान का सुझाव भी मांगेंगे। इसके बाद 14 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में होने वाली महारैली में बिहार को विकसित करने का विजन और घोषणापत्र जारी किया जाएगा।

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