बिहार : एईएस मामले में स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से हो रही मौतों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज हुआ था। दोनों पर आरोप है कि उन्‍होंने जनता के बीच अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार को लेकर जागरूकता नहीं फैलाई।

पिछले हफ्ते डॉ. हर्षवर्धन ने मुजफ्फरपुर श्री कृष्‍णा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल का दौरा कर डॉक्‍टरों से बात की थी। उनके आगमन पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के काफिले को काले झंडे भी दिखाए गए थे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेएम सूर्यकांत तिवारी ने दोनों मंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए। बता दें कि बिहार में इन्सेफलाइटिस से अब तक 150 मौतें हो चुकी हैं।

7 दिन में हलफनामा दाखिल करे बिहार और केंद्र सरकार- SC
अकेले मुजफ्फरपुर में ही 129 मासूमों की जान चली गई है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने इन्सेफलाइटिस की बीमारी से मुजफ्फरपुर में 100 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में केंद्र और बिहार सरकार को 7 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई की अवकाश पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस बीमारी से राज्य में हुई मौतों के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यूपी सरकार से भी सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
पीठ ने बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं, पोषण व स्वच्छता और राज्य में स्वच्छता की स्थिति के बारे में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील ने न्यायालय को बताया कि उत्तर प्रदेश में भी पहले इसी तरह से कई लोगों की जान जा चुकी है। कोर्ट ने इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को भी इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में अब 10 दिन बाद आगे सुनवाई की जाएगी।

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