उच्चतम न्यायालय ने व्यंग्यात्मक बांग्ला फिल्म ‘भविष्योतेर भूत’ का प्रदर्शन रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार पर 20 लाख रूपए का जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य पुलिस को भी फटकार लगाते हुये कहा उसकी कार्रवाई व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के लिये गंभीर खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस फिल्म का प्रदर्शन किसी भी तरह के ‘संविधानेत्तर’ तरीके से नहीं रोक सकती है। अदालत ने कहा कि 20 लाख रूपये की जुर्माना राशि का भुगतान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन के लिये मुआवजे के रूप में फिल्म निर्माताओं तथा सिनेमाघर के मालिकों को किया जाना चाहिए। न्यायालय ने इसके अलावा फिल्म निर्माताओं को मुकदमे के खर्च के रूप में भी एक लाख रूपए देने का आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय इंडिबिली क्रिएटिव की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि राज्य सरकार फिल्म का प्रदर्शन न रोके।
पश्चिम बंगाल पुलिस का इस बारे में कहना है कि उसे सूचना मिली थी कि इस फिल्म के प्रदर्शन से कुछ लोगों की भावनायें आहत हो सकती हैं। जिससे कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है। इसके बाद यह फिल्म प्रदर्शन के एक दिन बाद ही 16 फरवरी को ज्यादातर सिनेमाघरों से उतार ली गई थी। अनिक दत्ता के निर्देशन में बनी यह फिल्म 15 फरवरी को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में भूतों का एक समूह एक शरणार्थी शिविर में इकट्ठा होता है और वर्तमान समय में प्रासंगिक होने का प्रयास करता है।