फाइजर वैक्सीन कोरोना ट्रायल में 90 फीसदी कारगर पाई गई

न्यूयॉर्क – कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एक प्रभावी वैक्सीन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, अमेरिका स्थित फार्मास्युटिकल प्रमुख फाइजर और जर्मन बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने सोमवार को कहा कि उनकी वैक्सीन ताजा क्लीनिकल ट्रायल में 90 प्रतिशत कारगर पाई गई है।

कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने में जुटी फाइजर और बायोएनटेक ने जानकारी देते हुए बताया कि फेज-3 के ट्रायल में कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी है। कोरोना महामारी से प्रभावित दुनिया के लिए यह बहुत बड़ी राहत की खबर है

फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बोउर्ला ने इसे विज्ञान और मानवता के लिए एक महान दिन कहा है।

विश्लेषण रविवार को चरण-3 नैदानिक अध्ययन एक बाहरी स्वतंत्र डेटा निगरानी समिति (डीएमसी) द्वारा आयोजित किया गया था।
कंपनी द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, निष्कर्षों से पता चला है कि पहली बार डोज दिए जाने के 28 दिनों बाद और दूसरे बार दो खुराक दिए जाने के सात दिन बाद मरीजों को राहत मिली है।

कंपनी ने कहा कि विश्लेषण में पता चला कि जिन वॉलिंटयर्स पर इसका परीक्षण किया गया, उनमें यह वैक्सीन बीमारी को रोकने में 90 प्रतिशत से ज्यादा कामयाब रही है।

अभी अध्ययन जारी है, इसलिए अंतिम वैक्सीन प्रभावकारिता का प्रतिशत भिन्न हो सकता है।

डीएमसी ने किसी भी गंभीर सुरक्षा चिंताओं की सूचना नहीं दी है और सिफारिश की है कि अध्ययन की योजना के अनुसार अतिरिक्त सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा एकत्र करना जारी रखा जाना चाहिए।

दोनों कंपनियों ने यह भी कहा है कि डेटा पर दुनियाभर के नियामक अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।

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