प्रियंका ने उप्र में पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में प्रियंका ने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की हाईकोर्ट के न्यायाधीश द्वारा जांच की मांग की है। उन्होंने राज्य पुलिस से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तत्काल अपनी ‘अवैध गतिविधियों’ को रोकने को कहा।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की संपत्तियों को सील और जब्त करने की प्रक्रिया भी बंद होनी चाहिए और ‘निर्दोष छात्रों’ के खिलाफ मामले नहीं दर्ज होने चाहिए।

प्रियंका ने अपनी सुरक्षा से जुड़े हर सवाल को दरकिनार कर दिया और कहा कि यह एक छोटा मुद्दा है और लोगों से नहीं जुड़ा है।

राज्य सरकार, पुलिस और प्रशासन पर राज्य में ‘अराजकता’ फैलाने का आरोप लगाते हुए प्रियंका ने कहा कि वह पुलिस की कार्रवाई की जानकारी लेने के लिए बिजनौर का दौरा किया।

उन्होंने कहा, “दो मारे गए युवक अनस और सुलेमान अपने जीवन के 20वें साल में थे। एक कॉफी विक्रेता के रूप में काम कर रहा था और दूसरा आईएएस की तैयारी कर रहा था। वे अपने घर से काम के लिए निकले थे और उनके मौत की खबर घर पहुंची। यहां तक कि वे प्रदर्शन भी नहीं कर रहे थे। पुलिस ने उनके परिवार को धमकी दी और परिवार की मर्जी के मुताबिक दफन नहीं करने की इजाजत दी।”

प्रियंका ने कहा कि लखनऊ में एक 77 साल के बुजुर्ग सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एस.आर.दारापुरी को उनके घर से फेसबुक पोस्ट के लिए उठा लिया गया।

उन्होंने कहा, “उनकी पत्नी बिस्तर पर पड़ी है और अब उन्हें उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए नोटिस दी गई है। एक अन्य कार्यकर्ता सदफ जफर को प्रदर्शन का वीडियो बनाने के दौरान गिरफ्तार किया गया। उसके घर में एक 16 साल की बेटी और 10 साल का बेटा है और वे अपनी मां का इंतजार कर रहे हैं। मैं दोनों परिवारों से मिली हूं।”

प्रियंका ने कहा कि वाराणसी में कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा, “एक दंपति रवि शेखर व एकता को गिरफ्तार किया गया है। उनके घर पर 14 महीने का शिशु उनका इंतजार कर रहा है।”

कांग्रेस की महासचिव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘बदला’ टिप्पणी है, जिसकी वजह से पुलिस ने गैरकानूनी व्यवहार किया है।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को जानना चाहिए कि भगवा एक ऐसा धर्म है, जिसकी पहचान प्रेम, करुणा व शांति है। यह कृष्ण और राम की भूमि है जो करुणा और प्रेम का प्रतीक हैं।”

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