भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी की जीवनी ‘कर्मयोद्धा’ का विमोचन किया। इस पुस्तक को 45 लेखकों ने मिलकर लिखा है। कई खंडों में लिखी गई इस पुस्तक में मोदी के बहुआयामी व्यक्तित्व को उकेरा गया है। पुस्तक का विमोचन करते हुए शाह ने कहा, “पीएम मोदी के जीवन को तीन भागों में देखा जा सकता है। कार्यकर्ता के रूप में 2001 से 2014 और 2014 से 2020 तक सीएम और पीएम के रूप में उनके कार्य को देखना और समझना होगा। आज पीएम एक वैश्विक नेता के तौर पर हैं। समर्थ रामदास ने एक राजा की कल्पना की थी जो उपभोग शून्य स्वामी हो। आज नरेंद्र भाई ने रामदास की कल्पना को चरितार्थ किया है।”
उन्होंने कहा, “चाणक्य के राजा प्रथम सेवक की कल्पना को नरेंद्र भाई ने चरितार्थ किया। नरेंद्र भाई ने गरीबी, अभाव और अपमान का जीवन जीने के बाद मौका मिलने पर त्याग, तपस्या और गरीब कल्याण का काम किया। जिनके जीवन में संतुष्टि है, वे समाज को देते हैं। इस बात को समझा जा सकता है। लेकिन अभाव के बाद अगर यह कोई काम करे तो वह कोई विशाल हृदय वाला व्यक्ति ही हो सकता है।”
शाह ने कहा, “नरेंद्र भाई के साथ काम करने का मौका मुझे काफी मिला है। संघ, विद्यार्थी परिषद और बीजेपी में हमने एक साथ काम किया। जब दो सीटें बीजेपी को आई थीं तो उस वक्त भी उन्हें निराशा नहीं हुई, जबकि गुजरात के बड़े-बड़े नेता निराश थे। उस वक्त उन्हें गुजरात में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई। विचारधारा के आधार पर संगठन और संगठन के आधार पर सत्ता को उन्होंने अपनाया।”
उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जब सीएम बने, तब गुजरात में भूकंप आया था और फिर दंगा का उन्हें सामना करना पड़ा। साल 2001 से 2014 तक उन्होंने सर्वविकास और सर्वसमावेशक काम किया। जब वे गुजरात के सीएम बने तो गुजरात विकसित हो गया। भ्रष्टाचार शून्य शासन कैसे हो सकता है, इसका आधार नरेंद्र भाई ने रखा।”