प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को यहां स्थित रामलीला मैदान पर दिए गए संबोधन पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। खासकर तब, जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर समाज में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रखी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएए को लेकर ट्वीट कर कहा, “सीएए ने संविधान द्वारा दिए गए समानता का अधिकार को नष्ट किया है। एनआरसी प्रवासी गरीब लोगों, आदिवासियों और यहां तक कि साधुओं को जो बिना किसी सांसारिक वस्तुओं के भटकते हैं, उन्हें प्रभावित करेगा।”
उन्होंने कहा, “हमें धर्म का मतलब उन लोगों से सीखना चाहिए ना कि उन से जो सत्ता के भूखे हैं।”
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री के उस बयान का खंडन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएए को लेकर विपक्षी पार्टियां लोगों को गुमराह करने और उकसाने का काम कर रही हैं।
कांग्रेस के रुख का बचाव करते हुए शर्मा ने कहा, “सरकार ने लोगों के दिलों में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। हमने सरकार से कहा कि हम इस मुद्दे पर सर्वसम्मति चाहते हैं। यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है, खासकर अनुच्छेद 14।”
कई लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर सहमति व्यक्त की। इसी क्रम में बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने ट्वीट कर कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी सर से विचार जगाने वाला भाषण सुन रही हूं।”