सरकार ने 30 सितंबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई थी जिसके मुताबिक, खुदरा कारोबारियों के लिए 100 क्विंटल और थोक कारोबारियों के लिए 500 क्विंटल प्याज रखने की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई थी. इसकी समयसीमा 30 नवंबर को खत्म हो रही थी, मगर अब यह अगले आदेश तक जारी रहेगी.
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने सभी राज्यों के सचिवों को लेटर लिखकर स्टॉक लिमिट की इस सीमा को जरूरत के हिसाब से और घटाने और इसे सख्ती से लागू करने को कहा है ताकि बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को नियंत्रण में रखा जाए.
पासवान ने कहा कि शुरू में मॉनसून में विलंब होने और बाद में बेमौसम बरसात होने से देश में प्याज के उत्पादन में 26 फीसदी की गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की ओर से मांग नहीं आने के कारण बफर स्टॉक में रखा काफी प्याज खराब हो गया.